तीसरी लहर में कोरोना का डेल्टा प्लस वैरियंट काफी खतरनाक हो सकता है। चिकित्शीय वैज्ञानिको ने प्रारंभिक अध्यन के बाद यह अनुमान लगाया है कि इसकी संक्रमण दर दूसरी लहर से अधिक होगी। इसपर एंटीबॉडी या तो काम नहीं करेगी या फिर बहुत कम काम करेगी।
इसलिए कोवीड प्रोटोकॉल ही इस वैरियंट एंटीबॉडी का काम करेगा। चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना भले ही कम हुआ हो लेकिन बचाव व सतर्कता बहुत जरुरी है। क्योंकि यदि इस खतरनाक वेरिएन्ट से बचाएगा।
जिला अस्पताल उर्सला के सीनियर सर्जन डॉ पी के मिश्रा का कहना है कि यह शरीर के कई अंगो पर अपना प्रभाव दिखाता है। इसका संक्रमण ज्यादा है और इसका असर लीवर पर देखा गया है।
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डॉ पी के मिश्रा ने डेल्टा प्लस वैरियंट से बचने के उपाय बताते हुए कहा कि मास्क लगाना चाहिए और दो गज की दूरी बनानी चाहिए। साथ ही अगर अपने हाथो को बार-बार धोने से इसका प्रभाव कम होता है।