Micromax फाउंडर ने कहा चीनी कंपनी में मुझे मेरे देश में ही किया पीछे

micromax founder rahul sharma
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भारत के बाजार में चीनी कंपनियों ने पूरी तरह से अपना कब्जा कर रखा था। चीनी कंपनियों ने हर क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बना रखी थी। इसकी वजह से कई भारतीय छोटे बड़े उद्योगों को नुकसान सहना पड़ा और कई बंद भी हो गए। इसी में से एक Micromax है।

आज शुक्रवार को माइक्रोमैक्स के फाउंडर राहुल शर्मा ने अपने और अपने कंपनी के बारे में बताया कि किस तरह उन्होंने अपनी कंपनी शुरू की और चीनी कंपनियों ने उन्हें उनके ही देश में पीछे कर दिया।

3 लाख रुपए से की थी शुरुआत 

राहुल शर्मा ने कहा कि मेरा जन्म एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। पापा सरकारी स्कूल में टीचर थे। मैंने अपने जीवन में कुछ बड़ा करने का एक सपना देखा था। इसी को पूरा करने के लिए मैंने अपने पापा से उस समय 3 लाख रुपए मांगे और अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर Micromax की शुरुआत की।

आप सभी लोगों ने देखते ही देखते माइक्रोमैक्स को देश का नंबर वन और वर्ल्ड का 10th लार्जेस्ट ब्रांड बना दिया। पहली बार था इसलिए हमस कई गलतियां भी हुई लेकिन हम काम भी कर रहे थे और से एक भी रहे थे। पर एक ऐसा मोड़ आया जब चाइनीस मोबाइल कंपनियों ने मुझे मेरे देश में ही पीछे कर दिया।

बॉर्डर पर जो हुआ वह ठीक नहीं

हारा तब भी नहीं था मैं, बस मन में था कि जो गाना था वह अपने और अपने परिवार के लिए वो पा लिया है। लेकिन बॉर्डर पर जो हुआ वह ठीक नहीं हुआ। आप सभी ने एक बार फिर माइक्रोमैक्स को आवाज दी और इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का ऐलान कर दिया।

इसको लेकर मैंने बहुत सोचा कि क्या करूं, क्यों करूं, किसके लिए करु। मुझे लगता है जिंदगी ने एक बार फिर वहीं लाकर खड़ा कर दिया, जहां से शुरू किया था। इस बार जो कुछ भी करूंगा वह सिर्फ इंडिया के लिए करूंगा। इसलिए लेकर आ रहा है Micromax ‘IN’ (mobile) फोन।

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