देश के इतिहास में पहली बार कोई महिला सुप्रीम कोर्ट की जज बनेगी। सुप्रीम कोर्ट में 9 जजों ने एक साथ सपथ ग्रहण किया जो अपने आप में ऐतिहासिक है। मंगलवार को चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ दिलाई। देश में पिछले 77 सालो में पहली बार एक साथ तीन महिला जजों ने शपथ ली। इसमें जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस हीमा कोहली है।
2027 में जस्टिस बीवी नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट की जज बनेंगी। आपको बता दें जस्टिस नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट में जज बनने से पहले जस्टिस नागरत्ना कर्नाटक हाई कोर्ट में जज थीं। नागरत्ना ने पूरे 23 साल तक वकालत की और उसके बाद बतौर जज भूमिका संभाली।
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वरिष्ठता के तौर पर सितंबर 2027 में वह भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी। मात्र 36 दिनों का रहेग जस्टिस का कार्यकाल। भारत में यह तीसरा सबसे छोटा जज का कार्यकाल होगा। इसके पहले 1991 में जस्टिस कमल नारायण सिंह ऐसे चीफ जस्टिस रहे जिनका कार्यकाल मात्र 18 दिन का था, इसके अलावा जस्टिस एस राजेंद्र बाबू ने 2004 में मात्र 30 दिनों का कार्यकाल संभाला था। जस्टिस बीवी के पिता जस्टिस ईएस वेंकटरमैया भी 1989 में चीफ जस्टिस रह चुके है।