26 January: इस बार हम 26 जनवरी 2021 को 71वां गणतंत्र दिवस मनाएंगे। इस दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। ये बात तो सभी जानते है पर आज हम कुछ खास बातें संविधान के बारे में बताएँगे। जो शायद आपको न पता हो।
1. भारत का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान है। जिसमें 22 लेखों और 12 अनुसूचियों में विभाजित 444 लेख हैं।
2. भारतीय संविधान की मूल प्रति हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषा में है। खास बात ये है की इन दोनों को हाथ से लिखा गया था।
3. संविधान की मूल प्रति को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने 6 महीने में लिखा था। इसके बदले उन्होंने मेहनताना नहीं लिया बल्कि हर पन्ने पर अपना नाम लिखा और आखरी पन्ने पर अपने दादा का नाम लिखा।
4. 1946 में जब ये तय हो गया कि अब भारत स्वतंत्रता प्राप्त करेगा तो ब्रिटश सरकार ने कैबिनेट मिशन प्लान भेजा। जिसके तहत कहा गया कि संविधान सभा का गठन होगा जो संविधान बनाएगी।
5. संविधान सभा के चुनाव के लिए जुलाई 1946 में चुनाव हुए। ये निर्वाचन सभी राज्यों और प्रांतों को करना था।
6. 292 सदस्य प्रांतीय और 93 सदस्य राज्यों को भेजने थे। इस तरह 385 लोग संविधान सभा के लिए चुने गए।
7. उसी बीच भारत से पाकिस्तान अलग हुआ और कुछ सदस्य पाकिस्तान चले गए।
8. 9 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा कि पहली मीटिंग हुई। इसके 2 दिन बाद 11 दिसम्बर को इस सभा का निधिवत डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष चुना गया।
9. ऑब्जेक्टिव रिजुलेशन के जरिये पीएम जवाहर लाल नेहरू ने भारतीय संविधान की नीव रखी।
10. कई समितियां बनी और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
11. संविधान सभा ने लीगल अडवाइजर नियुक्त किया जिनका नाम प्रोफ़ेसर बीएन राव था। इन्होने ने ही समितियों की रिपोर्ट के आधार पर संविधान का पहला ड्राफ्ट बनाया।
12. 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा ने 7 सदस्यों की समिति का गठन किया। इसी समिति के 7 सदस्यों मे से एक डॉक्टर भीमराव आंबेडकर थे। जिन्हे इस समिति का अध्यक्ष चुना गया।
13. डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की अध्यक्षता वाली इस समिति ने प्रोफ़ेसर बीएन राव द्वारा पेश किये गए ड्राफ्ट पर 27 अक्टूबर 1947 से लेकर 13 फ़रवरी 1948 तक चर्चा की और फिर संविधान सभा के सामने प्रस्तुत किया। इस तरह इस समिति ने अहम् भूमिका संविधान बनाने में निभाई।
14. पूरे देश से प्रतिवेदन माँगा गया कि आप इसमें क्या संसोधन चाहते है। जिसके बाद 2473 संशोधन सामने आये और फिर इसपर चर्चा हुई। जिनमें से कुछ पर संसोधन हुआ।
15. इसके बाद 26 नवम्बर 1949 को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने हस्ताक्षर किये।