शक्तिनगर थाना क्षेत्र के बिना कोल माइंस व कृष्ण शिला परियोजना के विस्थापितों ने अपने जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर मध्यप्रदेश से जोड़ने वाली उत्तर प्रदेश की वाराणसी-शक्तिनगर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। घण्टो लगे इस जाम की वजह से गाड़ियों की दोनो तरफ कई किलोमीटर लम्बी कतार लग गयी।
जिसके बाद मौके पर आसपास के थानों की फोर्स पहुँच गयी और हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तीतर बितर कर दिया और स्थानीय ग्राम प्रधान समेत एक दर्जन से ज्यादा लोगो को थाने ले आयी। पुलिस ने दोनो तरफ लगे गाड़ियों के लंबे जाम को सुचारू रूप से चालू करवाया।
वही पुलिस ने गिरफ्तार लोगो को बातचीत होने तक काम बंद करवाने के आश्वाशन पर सभी लोगो को थाने से छोड़ दिया। जानकारी के अनुसार मामला फोरलेन निर्माण कार्य मे प्रभावित पाइप लाइन से जुड़ा है। कौहरौलिय गाँव के विस्थापित अपनी जमीनों के मुआवजा बिना दिए पाइप लाइन निर्माण कार्य को करने से मना कर रहे हैं।
वही नियमों को ताक पर रखकर गाबर कम्पनी बगैर मुआवजा दिए पाइप लाइन लगाने का काम कर रही थी। बीना परियोजना प्रबंधन द्बारा बीते 6 माह पहले उपजिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी की उपस्थिति मे विस्थापितों के हक मे हुए आंदोलन पर हुयी बैठक मे 266 लोगो को प्राइवेट नौकरी देने का लिखित आश्वासन दिया गया था। लेकिन एक भी विस्थापितों को नौकरी नही दी गयी।
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पुनः पुनरावृत करते हुए इसी शासन प्रशासन की उपस्थिति मे कृष्णशीला परियोजना द्बारा कोहरौल के विस्थापितों को 50 लोगो को ओबी कम्पनी मे नौकरी देने के आश्वासन पर पाइप लाइन बिछा रहे है जबकि उक्त भूमि 1981 मे अधिग्रहण कर कोल खनन किया जा रहा है जिसका अभी तक नौकरी व प्रतिकार नही दिया गया। हक की लड़ाई लड़ रहे लोगो को स्थानीय पुलिस जेल भेजने की धमकी दे रही है और दर्जनो लोगो को पुलिस गिरफ्तार कर अलग अलग थाना चौकी पर रखे है, जिससे लोगो मे भारी आक्रोश व्याप्त है।