Ozone Layer क्या है और क्यों जरुरी है? जानिए कैसे करती है कैंसर से रक्षा

ozone layer kya hai
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ओजोन परत पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है। जो पृथ्वी के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस परत को काफी नुकसान हुआ है। Ozone layer के संरक्षण के लिए 16 सितंबर को ओजोन दिवस मनाया जाता है। इसका लक्ष्य यह है कि लोगों को जागरूक किया जा सके और लोग ऐसा कार्य ना करें जिससे कि वे अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ले।

ओजोन लेयर क्या है (what is Ozone layer)

Ozone को O3 से प्रदर्शित किया जाता है। यह ऑक्सीजन का ही एक प्रकार है। यह नीले रंग की होती हैं। ओजोन परत पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव-जंतुओं के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है। यह पृथ्वी की सतह से 15 से 30 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसकी मोटाई मौसम और भौगोलिक दृष्टि के अनुसार बदलती रहती है। Ozone layer सूर्य से आने वाली पराबैगनी किरणों की 93-99% तक अवशोषित कर लेती है।

कब हुई थी ओजोन लेयर की खोज

ओजोन लेयर की खोज 1913 में फ्रांस के दो विज्ञानिक हेनरी बुसोन और फैबरी चार्ल्स ने की थी। इसके बाद से उस पर अध्ययन किया जाने लगा। ओजोन पर ब्रिटेन के वैज्ञानिक एमबी डोब्सन ने अध्ययन किया। इन्होंने स्पेक्ट्रोफोटोमीटर विकसित किया। जो जमीन से ही हो जान की मात्रा को माप सकता है। जिस इकाई में से मापा जाता है उसे डोब्सन कहते हैं।

क्या है पराबैगनी किरणें (Ultraviolet Rays)

पराबैगनी किरणें (uv rays) सूर्य से निकलती है। जो पृथ्वी पर जीवन के लिए हानिकारक है। क्योंकि इनके के संपर्क में आने से त्वचा संबंधी बीमारी जैसे झुर्रियां पड़ना, त्वचा कैंसर होना आदि होता है। इसके साथ ही सनबर्न, आंखों को नुकसान, टैनिंग आदि बीमारियां भी होती है।

Ozone layer hole

तेजी से विकास करने के चक्कर में इंसान ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है। पिछले कुछ वर्षों में औद्योगिक विकास तेजी से हुआ है। इनसे निकलने वाले धुंआ जिनमें हानिकारक गैसें होती हैं। उनकी वजह से ozone layer में एक छेद हो गया है। जिससे अब सूर्य से आने वाली uv rays सीधे पृथ्वी पर पड़ रही है।

इसके अलावा दूसरा बड़ा कारण है AC और Fridge जैसे विद्युत उपकरण। इनसे निकलने वाली गैस ओजोन परत को काफी नुकसान पहुंचाती है। इसके साथ ही वाहनों से निकलने वाला धुआं ओजोन परत को नुकसान पहुंचाता है।

तीसरा कारण है खेतों में अच्छी फसल उगाने और उन्हें कीटों से बचाने के लिए किसानों का ज्यादा मात्रा में कीटनाशकों का प्रयोग करना। इससे भी ozone layer को नुकसान हुआ है।

कहां पर है ozone hole

इन सभी तरह के कारणों की वजह से अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन परत में एक छेद बन गया है। जिसे ozone hole के नाम से जाना जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह छेद 10 लाख वर्ग किलोमीटर का है और यह बढ़ता घटता रहता है।

जानकारी के अनुसार ओजोन होल का आकार फरवरी की शुरुआत में 14 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर तक पहुंच जाता है और यह मार्च के दौरान तेजी से घटता है और अप्रैल तक समाप्त हो जाता है। इसी तरह प्रक्रिया चलती रहती है।

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