गोंडा :। भ्रष्टाचार को लेकर सूबे की योगी सरकार के जीरो टालरेंस नीति के दावे की हकीकत देखनी हो तो आप गोंडा के कटरा बाजार ब्लाक के गोड़वा गांव मे बनी गौशाला का रूख कर सकते हैं। इस गौशाला के निर्माण में करोड़ों रुपये पानी की तरह ऐसे बहा दिए गए कि यहां सैलाब आ गया और आधी से ज्यादा गौशाला पानी में ही डूब गई। भ्रष्टाचार की यह दास्तां यहां रहने वाले लोग तो कहेंगे ही,यहां पड़े बेज़बान शिलालेख भी भ्रष्टाचार की कहानी आपको बतायेंगे जिन्हे हम आप पत्थर कहते हैं। बस अगर कोई नहीं बोलेगा तो वह हैं यहां के अफसर जो सत्ता के रसूख के आगे पूरी तरह से नतमस्तक हैं।
गौशाला में करीब 3.55 करोड़ रुपये खर्च
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क पर घूमने वाले छुट्टा जानवरों को आश्रय देने के उद्देश्य से गौ आश्रय केंद्रों के निर्माण की योजना लागू की थी। सरकार की मंशा थी कि इससे किसानों की फसलों को नुकसान से बचाया जा सकेगा साथ ही गांव में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सीएम योगी की ड्रीम प्रोजेक्ट मानी जाने वाली यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
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जिले के कटरा बाजार ब्लाक के ग्राम पंचायत गोड़वा में बनाई गई गौशाला में करीब 3.55 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए लेकिन यहां की बदहाली देखकर आप खुद अंदाजा लगा लेंगे कि सरकारी धन को यहां किस कदर पानी में डुबोया गया है। गौशाला के लिए जमीन चयन मे लेकर उसके निर्माण तक कदम दर कदम भ्रष्टाचार का जबरदस्त खेल खेला गया सबकुछ देखने और जानने के बावजूद जिले के अफसर मौन रहे। गौशाला के आसपास खाली पड़े गड्ढों को तालाब बताकर 1.65 करोड़ रुपये निकाल लिए गए।
नामजद FIR होने के बाद भी कोई प्रभाव नहीं
यह पूरा खेल यहां के ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि भवानीभीख शुक्ला की शह पर किया गया। प्रदेश के अपर आयुक्त मनरेगा की टीम ने जांच के दौरान यहां न सिर्फ करोड़ों रुपये के अनियमित भुगतान का मामला पकड़ा बल्कि इसकी नामजद FIR भी कटरा थाने मे दर्ज कराई लेकिन यहां भी सत्ता का रसूख भारी पड़ा और आरोपियों की गिरफ्तारी के दूर, दर्ज कराए गए मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई। सत्ता के रसूख के आगे जिले के अफसर इस भ्रष्टाचार पर भले ही मौन हैं लेकिन गौशाला के भीतर पड़े बेजुबान पत्थर भ्रष्टाचार की गवाही दे रहे हैं।
इस गौशाला में किए गए भ्रष्टाचार और सरकारी धन के दुरुपयोग को लेकर जब यहां के स्थानीय लोगों से बात की गई तो उनका कहना था कि इस गौशाला में न तो बाउंड्री बनाई गई और न ही पशुओं के शेड का निर्माण ठीक से कराया गया। मिट्टी पटाई भी नहीं कराई गई।
आधे से ज्यादा गौशाला पानी मे डूबी है। सरकारी धन का बंदरबांट कर लिया गया। अगर पूरा पैसा यहां खर्च कर दिया जाता तो इसकी तस्वीर बदल सकती थी। वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बात की गई तो उन्होने सिर्फ इतना कहा कि इस प्रकरण उनके समय का नहीं है। इस पूरे मामले की जांच उच्च स्तरीय टीम कर रही है।
जीरो टालरेंस नीति बेअसर
प्रदेश की योगी सरकार भले ही भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस नीति अपनाने का दावा करती हो लेकिन गोंडा में यह दावा सिर्फ कागजी है। जिले के कटरा बाजार ब्लाक के गोड़वा गांव में बनी गौशाला इसकी गवाही दे रही है। साथ ही यह भी कि अगर आपके पास सत्ता का रसूख या सत्ताधारी नेताओं का संरक्षण है तो फिर यह जीरो टालरेंस नीति भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। अब यह देखने वाली बात होगी कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मे लिप्त लोगों पर कोई ठोस कार्रवाई करता है या फिर सत्ता के संरक्षण में सरकारी धन के लूट का यह खेल इसी तरह से चलता रहेगा।
रिपोर्ट:-अतुल कुमार यादव…