कानपुर :। शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद स्वास्थ्य महकमा सुधारने का नाम नहीं ले रहा,अकेले कानपुर में कोविड महामारी को लेकर किये गए। लापरवाही की वजह से अब तक दो अस्पताल सीज किये जा चुके है जबकि तीन अस्पताल से कोविड के इलाज करने से मना कर दिया गया है। जिलाधिकारी लगातार इसको लेकर निजी अस्पतालों में निरीक्षण भी कर रहे हैं मगर अस्पताल है कि सुधरने का नाम नहीं लेते हैं।
अस्पताल प्रशासन का बेहद शर्मसार कर दने वाला रवैया देखने को मिला कानपुर के मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल मे। एक ऐसा अस्पताल जिसको कौन नहीं जानता, पूरे मंडल से यहाँ मरीज इलाज करवाने के लिए आते है। लेकिन मंगलवार की रात को यहाँ का जो नजारा यहाँ भर्ती मरीजों और तीमारदारों को दिखा उसे देख सबके रौंगटे खड़े हो गए। जी हाँ, दरअसल इस अस्पताल से एक वीडियो वायरल हुआ,इस विडियो के जरिये बताया गया कि इस अस्पताल के एक वार्ड पर एक मरीज मृत पड़ा हुआ था जिसे हटाने की जहमत अस्पताल प्रशासन ने उचित नहीं समझी।
मरीजों के बार-बार कहने पर भी सोया रहा अस्पताल प्रशासन
जानकारी के मुताबिक़ रात करीब दास बजे मरीज की मौत हो गयी थी और उसकी बॉडी उसी के बेड पर सुबह 6 बजे तक पड़ी रही। यही नहीं मरीज के कपड़ों की हालत देख ये अंदाजा लगाया जा सकता था कि उसने कपड़ो में ही मल-मूत्र भी कर दिया था। सबसे बड़ी बात तो यह है की उस वार्ड में उस मृत मरीज के अलावा भी कई और मरीज भर्ती थे मगर लाचार मरीज और तीमारदार इसको लेकर कुछ कर नहीं पा रहे थे।
वहाँ भर्ती मरीजों और तीमारदारों ने कई बार वहाँ के वार्ड बॉय सहित अस्पताल प्रशासन को बॉडी हटाने के लिए बोला लेकिन इसका कोई फ़ायदा नहीं हुआ। बॉडी तब हटी जब सुबह बड़े डॉक्टर के राउंड का समय हुआ।
अस्पताल के सीएमएस से माँगा गया स्पष्टीकरण
सरकारी अस्पताल में इस तरह की लापरवाही का वीडियो वायरल होने की जानकारी जब कानपुर जिलाधिकारी को अवगत कराई गयी तो उन्होंने तत्काल मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ आर.बी कमल को जांच के लिए अस्पताल भेजा। डॉ अर.बी कमल ने चेस्ट अस्पताल के सीएमएस से इसके बारे में स्पस्टीकरण माँगा है। उनका कहना है कि बिल्हौर का रहने वाला शिवम् राठौर दस तारीख को चेस्ट अस्पताल में भर्ती हुआ था, साढ़े दस बजे इसकी मौत हुयी थी और साढ़े तीन बजे शव को मोर्चरी भेजा गया। लेकिन जब पांच घंटे शव मरीजों के वार्ड में रहने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सीएमएस से इस बारे में स्पस्टीकरण माँगा गया है।
रिपोर्ट:-दिवाकर श्रीवास्तव…