कल शुक्रवार को National testing agency ने NEET 2020 के परिणामों की घोषणा की और इसमेें कुशीनगर जिले की रहने वाली आकांक्षा सिंह ने पूर्ण अंक हासिल किए हैं। यानी आकांक्षा 720 में से 720 अंक लेकर आई है। जिसकी वजह से उन्हें दूसरा स्थान मिला है।
क्यों नहीं मिला पहला स्थान?
आकांक्षा सिंह के अलावा शोएब नाम का युवक भी 720 में से 720 अंक लेकर आया है और शोएब को पहला स्थान मिला है जबकि आकांक्षा सिंह को दूसरा। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि आकांक्षा की उम्र (17) अभी कम है। जबकि शोएब की उम्र (18) ज्यादा है। इसलिए आकांक्षा को पहला स्थान नहीं मिला।
आपको बता दें कि आकांक्षा की मां रुचि सिंह गांव में एक प्राथमिक स्कूल में टीचर हैं। जबकि पिता भारतीय वायु सेना के रिटायर्ड सार्जेंट हैं। आकांक्षा के टॉप करने से उनके माता-पिता और परिवार समेत पूरे गांव में खुशी का माहौल है।
कड़ी मेहनत लाई रंग
सफलता यूं ही नहीं मिलती, उसके लिए जी-जान से मेहनत करनी पड़ती है। फिर चाहे वह लड़का हो या लड़की। बताते हैं कि आकांक्षा जब हाई स्कूल में थी तब वह रोज 70 किलोमीटर कोचिंग के लिए गोरखपुर जाती थी। इसके बाद उन्होंने 11वीं और 12वीं की पूरी पढ़ाई दिल्ली में जाकर की और वहीं से NEET की तैयारी की और अब आकांक्षा ने टॉप किया है।