Yoga for weight loss: मोटापा (Obesity) इस समय लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या बनता जा रहा है। ये न सिर्फ अन्य लोगों की नजर में हमारी Image को ख़राब करता है बल्कि हमारे लिए भी शरीर में बिमारियों का घर बना देता है। इसको लेकर एक कहावत भी है जो इस प्रकार है कि मोटापा एक व रोग अनेक। मोटापे को कम करने के कई तरीके है। जैसे- योग, एक्सेर्साइज़, रनिंग, खान-पान आदि।
योग और मोटापा
जहाँ योग वहाँ मोटापा हो ही नहीं सकता। समझने की बात यह है कि स्वस्थ शरीर और मोटापे में क्या अंतर है। स्वस्थ मतलब निरोगी और गठा हुआ शरीर
मोटापा मतलब अस्वाभाविक रूप से बढ़ती हुई चर्बी। यही बढ़ती हुई चर्बी शरीर को बेडौल और खराब दिखने लगता है,और कभी-कभी तो उपहास का पात्र भी बनना पड़ता है।
अत्यधिक मोटापा बीमारियों को न्योता भी देता है। भगवान ने सभी को स्वस्थ शरीर देकर इस दुनियाँ में भेजा है पर गलत दिनचर्या और खानपान के कारण वह मोटापा नामक बीमारी को अपने शरीर में घर बनवा कर आगे स्वयं परेशान हो जाता है।
मोटापे के दुखद परिणाम-
1. कब्ज
2. मधुमेह
3. ह्रदय रोग
4. अपेंडिक्स
5. जोड़ो में दर्द
6. उच्च रक्तचाप
7. रीढ़ की समस्या
8. मोटापे के कारण गैस
मोटापे का कारण
- अब हमें यह जानने की जरूरत है कि मोटापा होता किस कारण है,तो इसके एक नहीं कई कारण हैं जैसे-
- अधिक मात्रा में तला भुना खाना
- बिना भूख के हर थोड़ी थोड़ी देर में कुछ कुछ खाते रहना।
- जरूरत से ज्यादा सोना, आरामतलबी होना,उचित व्यायाम न करना
- किसी बीमारी के कारण जैसे थायरॉयड
योग द्वारा मोटापा (Obesity) कम करना
प्राकतिक रूप से मोटापा कम करने के लिए योग सबसे लाभदायक है। इसके लिए हमें अष्टांग योग से चुनना होंगे कुछ योगासन, प्राणायाम और भोजन। आइए सबसे पहले हम बात करते हैं योगासन की।
मोटापा दूर करने में वैसे तो सभी योगासन लाभदायक हैं फिर भी जो सबसे महत्वपूर्ण हैं उस पर प्रकाश डालते हैं,ये है पश्चिमोत्तान आसन,सूर्य नमस्कार,कमर चक्रासन,जानुशिरासन,पश्चिमोत्तान आसन,नावासन,पादोत्तान और हलासन।
प्राणायाम | Yoga Poses For Weight Loss
प्राणायाम की श्रंखला में भस्त्रिका, नाड़ी शोधन तथा उड्डियान बन्ध।
आइए अब सीखते हैं इन सभी योगासन व प्राणायाम को।
Surya Namaskar
सूर्य नमस्कार -*पहली स्थिति- सीधे खड़े होकर दोनों पैरों की एड़ियों को मिलाएं, पंजे खुले रखें, दोनों हाथ प्रणाम की स्थिती में ह्रदय के पास रखेंगे, आँखें बंद करके अपना ध्यान आज्ञा चक्र पर (दोनों भवों के बीच)रखते हुए मन्त्र “ॐ मित्राय नमः” बोलेंगे
» दूसरी स्थिती– सांस भरते हुए दोनों हाथों को आकाश की ओर ले जाएंगे बाजू कान से लगाएंगे,थोड़ा पीछे की ओर झुकेंगे।
» तीसरी स्थिति– सांस बाहर निकालते हुए दोनों बाजुओं को कान से लगाये हुए आगे झुकते हुए माथे को घुटने केपास लगाने का प्रयास लेकिन पैर व घुटने एकदम सीधे रहेंगे,दोनों हाथों को पैर के पंजो के आसपास रखेंगे।
» चौथी स्थिति– सांस भरते हुए दाहिने पैर को अधिकतम पीछे ले जाएंगे,पंजा खड़ा रहेगा,छाती सामने और गर्दन का झुकाव पीछे की तरफ रखेंगे।
» पाँचवी स्थिति– सांस बाहर निकालते हुए दूसरे पैर को भी पीछे की तरफ ले जाकर एड़ियों को मिला कर जमीन पर लगा देंगे,ठुड्डी को गर्दन से अंदर की तरफ चिपका लेंगे, शरीर की स्थिति इस समय त्रिकोण के समान होगी।
» छटी स्थिति– सांस भरते हुए शरीर को इस प्रकार आगे की तरफ धकेलेंगे कि एड़ी से सिर तक शरीर सीधा हो जाये,फिर धीरे धीरे पहले घुटने फिर छाती फिर माथा पृथ्वी पर लगाएंगे ,पेड़ू को धरती से नहीं लगने देंगे सांसे सामान्य कर लेंगे।
» सातवीं स्थिति– सांस भरे, शरीर को आगे धकेलते हुए कोहनियों को सीधा करते हुए छाती को आगे करते हुए गर्दन को पीछे की ओर करेंगे,घुटने जमीन पर लगे रहेंगे और पंजे खड़े रहेंगे। इसके आगे की स्थितियां पहले की तरह ही हैं जैसे-
» आठवीं स्थिति-पाँचवी की तरह
» नवीं स्थिति-चौथी की तरह
» दसवीं स्थिति-तीसरी की तरह
» ग्यारवीं स्थिति-दूसरी की तरह
» बारहवीं स्थिति-पहली की तरह
इस प्रकार 12 स्थितयों से 1 आवृति अर्थात 1 सूर्य नमस्कार पूरा हुआ। सभी को अपनी शारिरिक क्षमता के अनुसार आवृतियों को बढ़ाना चाहिए।प्रत्येक सूर्य नमस्कार पर अगले मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए।
एक सूर्य नमस्कार की 12 स्थितियों पर भी 12 मन्त्रो का जप कर सकते हैं।
Chakrasana | Asanas For Weight Loss
चक्रासन – चक्र जैसा कि इसके नाम से ही लगता है गोला, अर्थात शरीर की आकृति को चक्र के समान गोलाकार बनाना ही चक्रासन हैं
उसके लिए कमर के बल आसन पर लेट कर एड़ी और पंजे आपस में जोड़ लें, दोनों हाथों के पंजों को मोड़ कर हथेलियों को कंधे के नीचे ले जाकर जमीन पर लगा दें,अब सांस भर कर हथेली और पंजो पर दबाब देते हुए अपने धड़-पेट को ऊपर की तरफ उठा लें, कुछ छण रुक कर आहिस्ता से वापस पृथ्वी पर आ जाएं।
Note:- विशेष-उच्च रक्तचाप व ह्रदय रोगियों को यह नहीं करना चाहिए।
कमर चक्रासन- कमर को गोल घुमाने के कारण इसका नाम कमर चक्रासन पड़ा है। इसे करने के लिए आसन पर सीधे बैठ जाएं, दोनों पैरों को सामने फैला कर अधिकतम दूरी बना लें,दाहिने हाथ से बाएं पैर का अँगूठा पकड़ें, माथे को घुटने तक लाने की कोशिश करें,फिर बांये हाथ से दाहिने पैर का अँगूठा पकड़ें माथे को घुटने तक लाने का प्रयास करें, यह क्रिया कई बार दोहराएं।
Janu Sirsasana
जानुशिरासन – इसमें जानु का अर्थ घुटना है जिस पर सिर लगाने के कारण इसका नाम पड़ा। इसे करने के लिए आसन पर पैर सामने सीधे करके बैठ जाएं, अब दाहिने पैर को मोड़ कर जांघ के मूल(जोड़) में लगा लें, दोनों हाथों को आगे की ओर तान कर ले जाकर बाएं पैर के पंजे को पकड़ कर सिर को घुटने तक ले जाएंगे व कोहनी को जमीन पर लगाएंगे। इसी क्रिया को दूसरे पैर पर भी करेंगे।
Note:-धीरे धीरे अभ्यास से ही पूर्णता प्राप्त करें जबरन एक बार में ही नहीं।
Paschimottanasana
पश्चिमोत्तान आसन – अर्थात पीठ को तानना।इसे करने के लिए आसन पर पैर सामने की तरफ फैला कर पंजों को आपस में मिला लें,दोनों हाथों को ऊपर आसमान की तरफ सांस भर कर खींचें, अब सांस निकालते हुए आगे झुकते जाएं और पैर के अँगूठों को पकड़ कर माथे को घुटनों से लगाएंगे,कुछ छण रुक कर वापस पूर्व स्थित में आ जायेंगे।
Note:-सावधानी कमर दर्द वाले व ह्रदय रोगी इसे नहीं करेंगे।
Navasana
नवासन- नाव की तरह क्रिया होने के कारण इसका नाम पड़ा।इसकी विधि इस प्रकार है- सबसे पहले आसन पर सीधे लेट जाएं,दोनों पैर मिला कर रखें, दोनों हाथ सिर की तरफ एकदम सीधे कर लें, हाथों की दूरी कंधों के बराबर रखना है और हथेली का पिछला भाग जमीन से लगाना है, अब सांस भरके पैरों को ताने हुए सिर की तरफ ले जाएं ,फिर सांस बाहर निकाल कर हाथों को धड़ के साथ पैरों की तरफ लाएं,लगातार इस प्रकार करके नाव की तरह शरीर को चलाएंगे,10 से 12 बार करने के बाद थोड़ी देर शांत भाव से लेटेंगे।
पादोत्तान आसन इस आसन में पैरों को ऊपर उठाया जाता है। इसे करने के लिए आसन पर लेट जाएं ,दोनों हाथ शरीर के साथ नीचे व हथेलियां जमीन पर रहेंगी, सांस भरके दायाँ हाथ बायां पैर आसमान की तरफ ले जाएंगे,फिर धीरे से अपनी पूर्व स्थिति में लाएंगे,फिर से सांस भरेंगे अबकी बार बायां हाथ दांया पैर ऊपर के तरफ ले जाएंगे फिर धीरे से अपनी पूर्व स्थिति में लाएंगे, अब फिर से सांस भरेंगे और दोनों पैर दोनों हाथ आसमान की तरफ एक दूसरे के आमने सामने रहेंगे कुछ छण रुकने के बाद धीरे धीरे धरती पर आएंगे।
Note:-विशेष-पूरे आसन में दोनों पैरों को जमीन से नहीं छुएंगी।
Halasana
हलासन किसान के हल के समान आकृति वाला।
करने की विधि- आसन पर सीधे लेट कर दोनों पैरों को आपस में चिपका लें,दोनों हाथों को शरीर के पास रख कर हथेलियों को जमीन पर लगा लें,सांस भर कर दोनों पैरों को तानते हुए ऊपर की तरफ ले जाएं,अब सांस निकालते हुए दोनों पैरों को मिलाए हुए सिर की तरफ ले जाते हुए पीछे जमीन पर लगा देंगे,हाथ उसी प्रकार जमीन से लगे रहेंगे, अब बहुत आहिस्ता आहिस्ता पहले कमर को फिर पैरों को नीचे लाएंगे,पूर्व स्थिति में आकर थोड़ा आराम करेंगे।
ये तो हुई बात योगासनों की अब आगे बढ़ते हैं प्राणायाम की तरफ। मोटापे को दूर करने के लिए सबसे असर कारक प्राणायाम क्रमशः
नाड़ी शोधन इसे करने के लिए पद्मासन या सुखासन में कमर सीधी करके बैठें,बाएं हाथ को ज्ञान मुद्रा में घुटने पर रखेंगे, दाहिने हाथ को प्राणायाम मुद्रा में नाक के पास रखेंगे, बांई ओर से सांस भरेंगे ,रोकेंगे,धीरे धीरे
बाहर निकालें,अब यही क्रिया दूसरी नासिका छिद्र से करेंगे,इसमें सबसे ज्यादा ध्यान देने की बात यह है कि सांस लेने -रोकने-छोड़ने का अनुपात 1:2:2 अर्थात अगर 2 सेकंड में सांस भरें तो 4 सेकंड रोकें और 4 सेकंड में ही बाहर निकालें।
भस्त्रिका यह प्राणायाम तीन चरणों में पूरा होता है।इसके लिए पद्मासन में बैठ कर बाएं हाथ से बांया घुटना पकड़े,दांये हाथ से प्राणायाम मुद्रा बना कर दांई नासिका से सांस भरें और दांई से ही छोड़े, कुछ 10 से 15 बाद करने के बाद सांस भरेंऔर तीनो बन्ध लगा कर आंतरिक कुम्भक लगा लें,फिर धीरे धीरे सांस बाहर निकालें।
Note:- दूसरे चरण में यही क्रिया बांई नासिका छिद्र से करेंगे।
तीसरे चरण में दांई से भरेंगे बांई से निकालेंगे ,बांई से भरेंगे दाईं से निकालेंगे ,फिर दोनों नासिका छिद्रों से भरेंगे और निकालेंगे इस क्रिया को ताकत के साथ करंगे,अब आंतरिक कुंभक में त्रिबन्ध लगाएं, इसके बाद बाह्य कुम्भक में त्रिबन्ध लगाएंगे,क्रिया पूरी होने पर शांत होकर बैठेंगे।
ध्यान देने की बात यह है कि इस प्राणायाम में सांसो को तेज गति के साथ करते हैं जैसे कि लुहार की धौंकनी चलती है।
सावधानी – उच्च रक्तचाप व ह्रदय रोगी इसे नहीं करें।
गर्मियों में धीमे धीमे व कम करना चाहिए तथा सर्दियों में अधिक कर सकते हैं।
उड्डियान बन्ध इसके लिए सांस को बाहर निकाल कर नाभि को रीढ़ की तरफ दबा कर लगाना होगा, अपनी क्षमता के अनुसार ही इस स्थिति में रुके, धीरे धीरे अभ्यास बढ़ाये।
यह तो हुए आसन व प्राणायाम ,अब महत्वपूर्ण चरण है भोजन,तो इसके लिए प्रातः नींबू पानी ,सलाद व अंकुरित का अधिक प्रयोग करें ,आहार में चिकनाई,चीनी व जंक फूड का प्रयोग कम से कम करें।
इन सभी उपायों के साथ निश्चित ही स्वस्थ व सुडौल शरीर के मालिक होंगे।
pet kam karne ki exercise | how to lose weight fast
निष्कर्ष – इस लेख के माध्यम से हमने जाना की belly fat reduce करने के लिए किन आसनों और प्राणायाम का अभ्यास करना चाइए। इनकी रेगुलर प्रैक्टिस से मोटापा कम किया जा सकता है। साथ ही खाने पीने पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। ऐसा संभव नहीं है की सिर्फ योगा करके मोटापा कम हो जाए या फिर सिर्फ कम खा के मोटापा कम हो जाए। दोनों ही चीजों का रेगुलर अभ्यास अवश्य , इन दोनों के ताल मेल से निश्चित ही आप मोटापे से जीत सकते हैं।