रेलवे में ऐसा पहली बार हुआ है जब जब किसी ट्रेन के अंदर मंदिर बनाया गया हो। वाराणसी से इंदौर के बीच चलने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस में एक शिव मंदिर बनाया गया है। इस ट्रेन के कोच बी 5 के सीट नंबर 64 को भगवान शिव के एक मिनी मंदिर में बदल दिया गया है। ट्रेन को कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाई। सीट पर बने इस मंदिर में शिव की मूर्ति लगाई गई है जिसकी फोटो भी जारी की गई है। इस ट्रेन की एक और बड़ी खासियत यह है कि इसके हर डिब्बे में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं जो अब तक भारत की किसी भी ट्रेन में देखने को नहीं मिला है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि भगवान शिव के लिए आरक्षित काशी महाकाल एक्सप्रेस (वाराणसी-इंदौर) में कोच बी 5 की सीट संख्या 64 को सुरक्षित रखने का प्रयास किया जाएगा। सीट को भगवान शिव के एक मिनी मंदिर में बदल दिया गया है। आईआरसीटीसी (IRCTC) के चीफ रीजनल मैनेजर अश्विनी श्रीवास्तव ने जानकारी दिया है कि काशी महाकाल एक्सप्रेस के हर डिब्बे में छह-छह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिनसे पूरी ट्रेन की निगरानी की जाएगी।
वाराणसी: वायु प्रदूषण के कारण भोले बाबा को भी लगाना पड़ा मास्क
उन्होंने बताया है कि इस ट्रेन के सभी डिब्बों में एक कंट्रोल बनाया गया है और सीसीटीवी के सभी विडियो फुटेज आईआरसीटीसी के पास एक महीने से ज़्यादा समय तक सुरक्षित रखे जाएंगे। सभी यात्रियों को 10 लाख रुपये का बीमा मुफ्त में दिया जाएगा और इसका कोई भी प्रीमियम यात्रियों से नहीं लिया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि रास्ते में पड़ने वाले सभी स्टॉपेज वाले स्टेशनों पर बुकिंग की सुविधा के लिए आरक्षण काउंटर भी खोले जाएंगे। यात्रियों को सफर करते समय पीठ में दर्द न हो इसके लिए ट्रेन में साइड की लोअर बर्थों के दो हिस्सों को एक साइड सपोर्ट से भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा हर एक केबिन में यात्रियों को फोन आदि चार्ज करने के लिए छह-छह चार्जिंग पॉइंट की सुविधा भी दी जाएगी।