रायबरेली :। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में 21 दिसम्बर से 8 जनवरी तक फाइलेरिया की रोकथाम के लिए 10 दिवसीय विशेष फाइलेरिया अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के तहत चलाया जा रहा है। सप्ताह में रविवार, बुधवार और शनिवार को छोड़कर बाकी दिन यह अभियान चलाया जायेगा।
इन दिनों में मॉप अप राउंड चलाया जायेगा। इस अभियान में डाईइथाइलकार्बमजीन (डी.ई.सी.) एवं अल्बेन्डाज़ोल की दवा दी जाएगी। जिले में इस अभियान के तहत 33,58,304 लाख जनसंख्या को आच्छादित करने का लक्ष्य है। स्वास्थ्य विभाग की लगभग 2,947 टीमें घर-घर जाकर जनपदवासियों को फाइलेरिया की दवा खिलाएँगी। प्रत्येक टीम 10 दिन काम करेगी।
जिले में 12,241लिम्फोडिमा तथा 1177 हाइड्रोसील के रोगी
दो साल से पांच साल के बच्चों को डाईइथाईलकार्बामजीन तथा एल्बेंडाजोल की 1-1 गोली, 6-14 साल के बच्चों को डाईइथाईलकार्बामजीन की 2 गोली तथा एल्बेंडाजोल की 1 गोली, 15 साल से ऊपर के बच्चों को डाईइथाईलकार्बामजीन की 3 गोली तथा एल्बेंडाजोल की 1 गोली का सेवन करना है।
इस अभियान में 2 वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं व गंभीर रोग से ग्रस्त व्यक्तियों को दवा का सेवन नहीं कराना है। जिन व्यक्तियों में फाइलेरिया के कीटाणु रहते हैं उन्हें दवा के सेवन के बाद चक्कर आना, जी मिचलाना, उल्टी आना, हल्का बुखार आना आदि समस्याएँ हो सकती हैं लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा स्वयंसेवक आशा कार्यकर्ता के साथ करेंगे काम
इस अभियान में दवा एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी और एएनएम, आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने सामने दवा खिलाएंगे। जो भी व्यक्ति दवा खाने से वंचित रह जाता है वह अपने पास के सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं व आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के घर से दवा प्राप्त कर सकता है।
हर व्यक्ति को साल में एक बार इस दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए। अगर 5 वर्ष तक इस दवा का सेवन कर लिया जाता है तो जीवन भर फाइलेरिया रोग से बच सकते हैं | यदि किसी व्यक्ति को यह रोग हो जाता है तो वह जीवन भर इस रोग से ग्रसित रहता है।
अल्बेंडाजोल चबा कर खानी है। खाली पेट दवा नहीं खिलानी है। शिक्षकों द्वारा स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से एमडीए के बारे में बच्चों को बताया जायेगा और उन्हें जागरूक किया जायेगा।
स्वयं सेवी संस्थायें जैसे एनएससी,आईएमए, एनआरएमएल आदि जनमानस में दवा के सेवन के लिए लोगों को जागरूक करने में अपना सहयोग दे रही हैं।
फाइलेरिया क्या है ?
फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसे समान्यतः हाथी पाँव के नाम से जाना जाता है।
फाइलेरिया के लक्षण जैसे की, पैरों व हाथों में सूजन (हाथीपांव), पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोश का सूजन) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन इत्यादि हैं।