उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के घंटाघर पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में महिलाएँ आज भी बैठी हुई हैं। यह महिलाएं 17 जनवरी से लगातार धरना दे रही हैं और आज इसका एक महीना पूरा हो चुका है। एक महीने बाद भी यह महिलाएं हटने के लिए तैयार नहीं हैं। दरअसल जब से केंद्र सरकार ने यह कानून पास करवाया है तब से इसके खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
Lucknow: Women continue to sit near Clock Tower (Ghanta Ghar) to protest against Citizenship Amendment Act (CAA) and National Register of Citizens (NRC). They are sitting on protest since January 17. pic.twitter.com/b3jWseC13t
— ANI UP (@ANINewsUP) February 16, 2020
इसी साल जनवरी की 17 तारीख से कुछ घरेलू महिलाओं ने यहाँ पर प्रदर्शन शुरू किया था जिसमे करीब 15 से 20 की संख्या में घरेलू महिलायें शामिल थी। राजधानी लखनऊ में तीन दिनों तक लगातार हुई बारिश के बाद यह महिलाएं अचानक घंटाघर पहुंच गई और सीएए तथा एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए धरने पर बैठ गई थीं। उस समय शायद ही कोई कह सकता था कि यह धरना इंटने दिनों तक चलेगा और इतना बड़ा हो जाएगा। इस धरने का एक महीना पूरा होने पर आज घंटाघर पर विशेष प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है।
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धरना प्रदर्शन में दिए गए यह नारे
किसी भी आंदोलन को बढ़ाने के लिए प्रदर्शनकारियों का उत्साह बना रहना बहुत ज़रूरी होता है। इसी उत्साह को बढ़ाने के लिए घंटाघर पर यह नारे हमेशा लगाए जाते रहते हैं।
- ये देश हमारा आपका, नहीं किसी के बाप का
- घंटाघर से उठी आवाज, नहीं चलेगा गुण्डाराज
- गांधी के वास्ते अम्बेडकर के रास्ते
- दादा लड़े थे गोरों से…हम लड़ेंगे चोरों से
- मरना ही मुद्दर है तो फिर लड़ के मरेंगे, खामोशी से मर जाना मुनासिब नहीं होगा
- ये जंग जीतेंगे अबकी बार, ये एलान हमारा है
- घण्टाघर ने ललकारा है कागज नहीं दिखाना है