नेताओं की कथनी और करनी में कितना अंतर होता इस बात की एक बानगी देखने को मिली दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के जन्मदिन के अवसर पर।
5 जनवरी को मनीष सिसोदिया का जन्मदिन था। जन्मदिन के जश्न में चूर खुद डिप्टी सीएम बिना मास्क के नज़र आए। और तो और उनके सभी समर्थकों के चेहरे से मास्क नदारद दिखा।
अब सवाल यह उठता है कि जो दिल्ली सरकार मास्क न लगाने पर दिल्ली की जनता पर 2000 का जुर्माना लगाती है उसके शीर्ष नेता खुद बिना मास्क और सोशल डिस्टैन्सिंग के पब्लिक gathering कर रहे हैं, इनका चलान कौन काटेगा ? या इसे यह मान कर भूल जाना चाहिए कि नियम कानून तो आम जनता के लिए बनाये जाते हैं। नेता जब चाहे उसे तोड़ मरोड़कर अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं।
वीडियो वायरल
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री तथा आप में नंबर दो की हैशियत रखने वाले मनीष सिसोदिया अपने समर्थकों के साथ अपना जन्मदिन मना रहे हैं। इस दौरान किसी के चहरे पर न तो मास्क दिखा न ही सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन होता दिखा। अपने जनप्रतिनिधियों के इस गैरजिम्मेदाराना रवैये पर आप की क्या राय है आप कमेंट कर के जरूर बताएं। इन नेताओं को सबक सिखाने के लिए आपकी प्रतिक्रिया बेहद अपेक्षित और जरुरी है।
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क्या इस देश में कानून के पालन की बाध्यता सिर्फ़ देश के आम नागरिकों के लिए है ? क्या देश के नेता क़ानून से ऊपर हैं?