दिल्ली में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या व मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और इनको लेकर जो आंकड़े सामने रखे जा रहे हैं, अब उस पर राजनीति शुरू हो गई है। दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 1085 कोरोना मरीजों की मृत्यु हुई है। जबकि एमसीडी के आंकड़ों के मुताबिक 2098 लोग मरे हैं।
इन दोनों आंकड़ों के सामने आने के बाद दिल्ली सरकार पर वास्तविक आंकड़ों को छुपाने का आरोप लग रहा है। दिल्ली नगर निगम के अनुसार 2098 लोगों की मृत्यु हुई है। साउथ एमसीडी में 1080 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है और नॉर्थ एमसीडी में 776, ईस्ट एमसीडी में 42 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है।
मालूम हो दिल्ली के श्मशानघाट और कब्रिस्तान में जो शव अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। उनका हिसाब-किताब दिल्ली एमसीडी रखती है। इसी के अनुसार दिल्ली एमसीडी ने कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा पेश किया है।
दिल्ली सरकार के आंकड़ों का आधार
दिल्ली सरकार ने 20 अप्रैल को एक डेथ ऑडिट कमेटी बनाई थी। जो राज्य में होने वाली कोरोना से मौतों पर नजर रखेगी और सरकार को इसके बारे में बताएगी। दिल्ली के सभी अस्पताल हर रोज शाम 5:00 बजे तक कोरोना से हुई मौत के बारे में इस कमेटी को बताते हैं। आईसीएमआर के निर्देश के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की मौत संदिग्ध हालत में होती है तो उसका अंतिम संस्कार भी कोरोना की तय गाइडलाइन के अनुसार किया जाता है। यानी यह आंकड़े भी एमसीडी के पास चले जाते हैं।