रायबरेली की धरती हमेशा से वीरों की धरती कही जाती रही है। इस धरती ने कोई न कोई सुरमा जरुर जन्म दिया है जिसने भारत के नक़्शे पर रायबरेली का नाम रोशन किया है। इस समय अगर बात कि जाये तो क्रिकेट की दुनिया में आर.पी सिंह ने यू.पी रायबरेली का गौरव बढाया तो वहीं एथलीट में सुधा सिह ने जिले का नाम रोशन किया। आज पूरा जिला सुधा सिह को मिलने वाले पद्म श्री सम्मान पर अभिभूत है।
बचपन से खेलकूद में थी रूचि
सुधा सिंह का परिवार एक साधारण परिवार है। इनका परिवार मूलतः ग्राम पोस्ट भिमी का अमेठी का रहने वाला है | इनके पिता कि नौकरी 20 वर्ष रायबरेली जिले के आई.टी.आई में लग गई। जिसके बाद इनके पिता पूरे परिवार के साथ रायबरेली के शिव जी नगर कालोनी में रहने लगे। सुधा अपने पिता हरिनारायण सिंह, माता शिवकुमारी सिंह व अपने दो भाईयों धीरेन्द्र सिंह व प्रवेश नारायण सिंह के साथ रहती है। सुधा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय बालिका इंटर कालेज में पूरी की। सुधा का मन बचपन से ही खेल कूद में लगता था जिसके चलते स्कूल में होने वाली खेल प्रतियोगिता में हमेशा हिस्सा लेकर प्रथम,द्वितीय स्थान प्राप्त करती थी।
पढ़ाई और खेल दोनों में बेहतरीन प्रदर्शन
जब सुधा एक अच्छी एथेलेटिक्स के रूप में उभर कर सामने आई तो इनका दाखिला परिवार के लोगो ने लखनऊ खेल हस्तल में करा दिया। जहां पर सुधा के कोच ने एक अच्छे कोच की तरह कोचिंग दी और कोचिंग के दौरान ने सुधा ने प्रदेश स्तरीय होने वाली एथलेटिक्स स्टीपल चेज में हिस्सा लियाऔर अपनी मेहनत और सफलता को प्राप्त करती गई।
जिस दौरान सुधा सिंह ने हाई स्कूल की परीक्षा 2005 व इंटर की परीक्षा 2007 में अच्छे अंको से पास की। एक ओर पढाई में अच्छे नंबर तो दूसरी तरफ अपने खेल में उचाई चूमती सुधा सिंह को आखिरकार बाम्बे बी.टी.स्टेशन पर रेलवे विभाग में टी.आई की नौकरी 2008 में मिल गई। आज सुधा सिंह को पदमश्री पुरस्कार में नाम आने पर सुधा सिंह के घर पर मिठाईया बाटी गकी और एक दूसरे को मिठाईया खिलाकर खुशियो का इजहार किया।