भारत और नेपाल के बीच विवाद की वजह बने नक्शे को आज नेपाल अपनी संसद में पेश कर वोटिंग कराएगा। लेकिन इसके विरोध में आज सुबह से ही काठमांडू की सड़कों पर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले भी शुक्रवार को कई जगह पर प्रदर्शन होते हुए देखे गए।
नेपाल विदेश मंत्री ने कहा जाएगा गलत संदेश
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने कहा कि शनिवार को देश की संसद में एक ऐतिहासिक बिल पर फैसला लिया जाएगा। सभी राजनीतिक दलों ने भी इसका पुरजोर समर्थन किया है। इसलिए नेपाल की जनता से अपील है कि वह प्रदर्शन ना करें क्योंकि इससे गलत संदेश जाएगा।
आगे नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा कि नक्शे में बदलाव का विचार हमारे मन में तब आया। जब भारत ने 2 नवंबर 2019 को जम्मू कश्मीर को ₹₹₹ करते हुए नक्शे में बदलाव किया था। हमने विवाद को लेकर नई दिल्ली से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जिसके बाद नेपाल सरकार और सभी राजनीतिक दलों ने मिलकर इस नक्शे में बदलाव करने को कहा। मालूम हो नेपाल की निचली संसद से सर्व समिति से इसे पारित किया जा चुका है।
विवाद की वजह
भारत और नेपाल केबीएच विभाग की वजह नेपाल द्वारा पेश किया गया नक्शा है क्योंकि नेपाल ने इस राजनीतिक नक्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख, लिम्पियाधुरा को अपने क्षेत्र में दिखाया है। जिस पर भारत ने सख्त आपत्ति जताई थी। लेकिन इसके बाद भी नेपाल ने संसद में इस बिल को पेश कर नक्शे को जोड़ने की कोशिश की।