आज मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नमामि गंगे योजना के तहत उत्तराखंड में छह बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसके बाद पीएम मोदी ने गंगा नदी को लेकर किये गए कार्यों के बारे में बताया।
पीएम मोदी ने कहा कि उद्गम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक गंगा, देश की करीब-करीब आधी आबादी के जीवन को समृद्ध करती हैं। इसलिए गंगा की निर्मलता और अविरलता आवश्यक है।
नमामि गंगे मिशन सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम
पीएम मोदी ने आगे कहा अगर गंगाजल की स्वच्छता को लेकर पुराने तौर-तरीके अपनाए जाते तो आज भी हालत उतने ही बुरी रहती। लेकिन हम नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े। नमामि गंगे मिशन को हमने सिर्फ गंगा जी की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा। बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया।
सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आपीएम गे बढ़ाया।
पहला – सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाकर गंगा नदी में गंदा पानी गिरने से रोका
दूसरा – ये ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाएं जो अगले 10 से 15 साल की भी जरूरत पूरी कर सके
तीसरा – गंगा नदी के किनारे बसे 5000 गांव और 100 बड़े शहर को खुले में शौच करने से मुक्त किया।
चौथा – सहायक नदियों को प्रदूषित होने से रोकना
एक साल में दो करोड़ परिवारों तक पहुंचा शुद्ध पेयजल
पहले पानी जैसे महत्वपूर्ण विषय अनेकों मंत्रालयों और विभागों में बटा हुआ था। मंत्रालयों में, विभागों में ना कोई तालमेल था और ना ही समान लक्ष्य के लिए काम करने का कोई स्पष्ट दिशानर्देश।
जल जीवन मिशन के तहत आज करीब एक लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा से जुड़ा गया है। सिर्फ एक साल में ही देश के दो करोड़ परिवारों तक पीने का पानी पहुंचा है।