FDI नियम में हुआ बदलाव, NRI को मिल सकता है Air India का 100 प्रतिशत हिस्सा

Minister of State for External Affairs V Muralitharan
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केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एक बैठक कर एफडीआई (Foreign Direct Investment) नियम में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब प्रवासी भारतीय (NRI) भी एयर इंडिया (Air India) की 100% हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। इससे पहले एनआरआई को केवल 49% हिस्सेदारी ही खरीदने की अनुमति प्राप्त थी। इसके अलावा सरकार ने कई सरकारी बैंकों के विलय की भी मंज़ूरी दिया है। कैबिनेट की बैठक में बहुत से अन्य फैसले भी लिए गए हैं। एयर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया भी चालू हो चुकी है और इसमें आवेदन करने की आखरी तारीख 17 मार्च तय की गई है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कैबिनेट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि एयर इंडिया की बिक्री के नियम में कैबिनेट ने कुछ ज़रूरी बदलाव किया है। अब कोई भी प्रवासी भारतीय एयर इंडिया को खरीदने के लिए 100% तक की बोली लगाने का हकदार होगा। अभी तक प्रवासी भारतीयों को सिर्फ 49% तक की ही बोली लगाने का अधिकार हासिल था। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक के दौरान सरकारी बैंकों के विलय के प्रस्ताव को पास कर दिया गया है और यह प्रस्ताव 1 अप्रेल से लागू हो जाएगा। इस विलय में 10 पीएसयू बैंकों को मिलाकर 4 बैंक बनाए जाएंगे।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आगे बताया कि कोरोना वायरस से सरकार सक्रियता के साथ निपटने का प्रयास कर रही है और इसके लिए खुद प्रधानमंत्री निगरानी बनाए हुए हैं। इससे निपटने के लिए कैबिनेट मंत्री व सम्बंधित अधिकारी हर रोज़ बैठक करते हैं और राज्य सरकारों से भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के maadhyam से संपर्क किया जाता है। उन्होंने बताया कि देश में 21 हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग हो रही है जिसमे 6 लाख यात्रियों की जांच हुई है। इसके अतिरिक्त बीते एक महीने के अंदर नेपाल तथा भूटान के बॉर्डर पर 10 लाख लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है। उन्होंने बताया कि पुणे में एक वायरलॉजी लैब है तथा 15 अन्य वायरलॉजी लैब का निर्माण किया जा रहा है। सरकार ने कोरोना वायरस को लेकर ट्रेवल एडवाइज़री भी जारी किया है।

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प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि अगर बीते 19 वर्ष की बात किया जाए तो पहले के 14 वर्ष में केवल 360 अरब डालर का ही एफडीआई आया है जबकि नरेंद्र मोदी की सरकार में सिर्फ 5 वर्षों में के भीतर 282 अरब डालर का एफडीआई आया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत जिन कंपनियों की 50 लाख रूपए या उससे कम होगी उन सभी कंपनियों को निगमित सामाजिक दायित्व (CSR) कमेटी की बाध्यता से स्वतंत्र कर दिया गया है। निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि बैंकों के विलय की प्रक्रिया भी ठीक गति से बढ़ रही है और 1 अप्रेल से इसको लागू कर देने में कोई भी दिक्कत नहीं आएगी।

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