कोरोनावायरस का इलाज कर रहे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों के ऊपर लगातार हमले की घटनाएं होती जा रही है। जिसे देखते हुए मोदी सरकार नया अध्यादेश लेकर आई है और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महामारी रोग संशोधन अध्यादेश 2020 को मंजूरी भी दे दी है। इस अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद पत्थरबाजों की खैर नहीं होगी।
सरकार ने 1897 के महामारी अधिनियम में एक संशोधन किया है जिसके तहत अब डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर कोई हमला करता है तो उसकी बिना वारंट गिरफ्तारी होगी और जमानत भी नहीं मिलेगी। मामला दर्ज होने के 23 दिन के अंदर ही जांच पूरी होगी और 1 साल के अंदर फैसला आ जाएगा।
President Ram Nath Kovind has approved to promulgate The Epidemic Diseases (Amendment) Ordinance, 2020 which provides stricter punishments for attacks against health workers. pic.twitter.com/6lyzFVv38P
— ANI (@ANI) April 23, 2020
यदि मामला ज्यादा गंभीर नहीं है तो 3 महीने से 5 साल तक की सजा होगी और 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना देना होगा। यदि मामला गंभीर हुआ तो 6 महीने से 7 साल तक की सजा और 1 लाख से 5 लाख तक का जुर्माना देना होगा। इसके साथ ही यदि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की गाड़ी या क्लीनिक का नुकसान किया तो उस गाड़ी और क्लीनिक की बाजार की कीमत से दोगुनी रकम हमलावरों से वसूली जाएगी।
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बता दें कोरोना महामारी से देश की रक्षा कर रहे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों पर लगातार हमने की घटनाएं बढ़ती जा रही थी। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली, फरीदाबाद, मुरादाबाद, अनंतनाग, नागपुर, बेंगलुरु, चेन्नई, भिलाई और इंदौर में हमले हुए हैं। इन हमलों में आशा कार्यकर्ता, पुलिसकर्मी भी कई बार बुरी तरह घायल हो चुके हैं। कल ही गृहमंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए डॉक्टरों से बात करके उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया था।