उत्तर प्रदेश के अमेठी से एक फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर फौज की नौकरी हथियाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने जब वेरिफिकेशन के दौरान जांच किया तो सारी पोल खुल गई। दरअसल अमेठी कोतवाली में दो व्यक्ति पुष्पेन्द्र कुमार और हरिकेश सिंह आये और बताया कि इन दोनों ने अमेठी बीआरओ आर्मी भर्ती की परीक्षा को पास कर लिया है और ऑनलाइन चरित्र सत्यापन के लिए थाने आए हैं। पुष्पेन्द्र कुमार के पिता है नाम प्रेमपाल सिंह है और वह थाना बेनीपुर के अंतर्गत रहने वाला है जबकि हरिकेश सिंह के पिता का नाम हाकिम सिंह है और वह थाना जंगल रामनगर का रहनेवाला है।
पुलिस ने वेरिफिकेशन करते हुए कम्प्यूटर ऑपरेटर संजीव पटेल से ऑनलाइन फार्म मंगवाया। दोनों अभियुक्त खुद को अमेठी के निवासी बता रहे थे लेकिन इन दोनों भाषा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की लग रही थी। पुलिस ने जब दोनों व्यक्तियों से गहनता से पूछताछ किया तो वह दोनों घबराने लगे। इसपर पुलिस ने जब घबराने की वजह पूछा तो पुष्पेन्द्र कुमार ने अपना स्थाई पता जिला बुलंदशहर के थाना देवाई गाँव भीमपुर बताया। वहीँ हरिकेश सिंह ने अपना स्थाई पता जिला बुलंदशहर के थाना अनूपशहर गाँव फैज़पुरा बताया।
मंत्री के पैड पर फर्जी प्रस्ताव बनाकर लिया पांच करोड़ का ठेका
दोनों ही अभियुक्तों ने बताया कि वह फौज में भर्ती होना चाहते थे और बीआरओ अमेठी में काफी भर्ती निकली हुई थीं। इसीलिए अपना स्थाई पता बेनीपुर अमेठी तथा जंगल रामनगर अमेठी के नाम से फ़र्ज़ी आधार कार्ड, निवास प्रमाणपत्र, अविवाहित प्रमाणपत्र खुद ही बनाकर और ग्राम प्रधान की मुहर बनवाकर उसपर लगा दी तथा खुद ही हस्ताक्षर भी कर लिया था। पुलिस ने जब ग्राम प्रधानों को बुलाकर मुहर की जांच करवाया तो दोनों ही प्रधानों ने अपनी मुहर और हस्ताक्षर होने से इंकार किया। इसके पश्चात पुलिस ने दोनों अभियुक्तों पर विधिक कार्यवाही करते हुए जेल भेज दिया है।