कई दिनों बाद भी दिल्ली की हवा साँस लेने लायक नहीं

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दिल्ली में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा और ऐसी प्रदूषित हवा में दिल्ली के लोग साँस ले रहे है जो उनके स्वस्थ्य के लिए बिलकुल भी सही नहीं है। आज शनिवार को दिल्ली में धूप निकली जिसे देख लोग खुश हुए पर वायु की गुणवत्ता में बहुत अधिक सुधार नहीं हुआ है। वायु गुणवत्ता जो आज दर्ज की गयी वो दिल्ली के अलग अलग इलाकों में 400 के पार रही। जो की चिंता का विषय है। जहाँ दिल्ली सरकार odd – even से प्रदूषण कम करने का प्रयास कर रही है वहीँ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से वायु को शुद्ध करने वाले टावर को लगाने को कहा है।

कोर्ट ने केंद्र से दो तकनीक पर काम करने को कहा

दिल्ली इस समय किसी गैस चैम्बर से कम नहीं है, जहाँ लोग जीने के लिए ऑक्सीजन नहीं बल्कि स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने वाली हानिकारक गैस ले रहे है। इस प्रदूषित हवा से साँस सम्बन्धी कई बीमारियां हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली दोनों सरकारों को प्रदूषण कम करने के लिए उचित कदम उठाने को कहा है। कोर्ट ने केंद्र को वायु को शुद्ध करने वाले प्यूरीफायिंग टावर दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर लगाने को कहा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से हाइड्रोजन ईंधन तकनीक का पता लगाने को कहा। बता दें इस तकनीक से जापान ने प्रदूषण पर नियंत्रण किया था।

50 तक अच्छी मानी जाती है हवा

वायु गुणवत्ता सूचकांक पर दिल्ली में 458,गाजियाबाद 471, गुरुग्राम,460, नॉएडा 469,ग्रेटर नॉएडा 442 रहा जो की गंभीर है। अच्छी वायु की गुणवत्ता 50 तक हो तो अच्छी मानी जाती है, 200 तक सामान्य व 300 तक की हवा को साँस लेने लायक नहीं मन जाता है और दिल्ली की हवा तो 400 के ऊपर चल रही है। जोकि दिल्ली वालों के लिए बिलकुल भी अच्छी नहीं है।

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