रायबरेली :। एक बार फिर देश के जवानों को अपनी शहादत देनी पड़ी। इस बार उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद के रहने वाले शैलेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र नारायण बहादुर सिंह आज के दिन आतंकियों से लोहा लेते लेते शहीद हो गए। शैलेंद्र प्रताप सिंह 110 सीआरपीएफ में तैनात थे। बताया जाता है की जैसे ही घर वालो को सूचना मिली कि पुलवामा में आतंकवादियों की गोली का शिकार शैलेंद्र प्रताप हो गए हैं वैसे ही पता चला की रायबरेली के लाल की शहादत हो चुकी है।
रायबरेली जनपद में शोक की लहर
शैलेंद्र जम्मू कश्मीर के सोपोर में तैनात थे। शैलेंद्र डलमऊ क्षेत्र के मीर मीरानपुर के रहने वाले थे। और रायबरेली शहर के मलिक मऊ में अपना निवास बनवा कर रह रहे थे। शैलेंद्र की शादी 10 वर्ष पूर्व चांदनी के साथ हुई थी। उनके पीछे उनका एक सात साल का पुत्र कुशाग्र व तीन बड़ी बहन शीलू सिंह, प्रीति सिंह, व ज्योति सिंह के साथ पूरा परिवार है। इस घटना की जानकारी मिलते ही रायबरेली जनपद में शोक की लहर दौड़ गई। जिसने भी सुना वह शहीद जवान के निवास स्थान पर शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। वहीं जनपद वासियों ने भी इस बात पर गर्व किया कि हमारे जनपद के एक जवान ने अपनी शहादत देकर देश की रक्षा कर जिले का नाम रोशन किया है। वही दुखी परिवार को भी सांत्वना देने में जनपदवासी पीछे नहीं रहे और सभी ने इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ होने और वीर सपूत की शहादत को जाया ना जाने की बात कही। शहीद शैलेंद्र सिंह 2009 में देश की सेवा के लिए भर्ती हुआ था।
CM योगी ने दी श्रद्धांजलि और परिवार को 50 लाख की आर्थिक मदद
दरअसल रायबरेली में सूचना मिली कि आपका बेटा आतंकी हमले में शहीद हो गया है। सब घरवालों का रो-रो कर बुरा हाल है। 15 अक्टूबर को शहीद शैलेंद्र सिंह को अपने घर छुट्टी पर आना था। इसका इंतजार घरवाले कर रहे थे। मगर आज शहीद होने की सूचना मिलते ही घर में मातम छा गया। श्रीनगर आतंकी हमले में शहीद हुए रायबरेली के जवान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धांजलि दी है। साथ ही मृतक के परिवार को 50 लाख की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।
इसके अलावा शहीद शैलेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर जिले की एक सड़क का नामकरण करने की भी घोषणा की। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों पर आतंकी हमला हुआ है। पंपोर के कांधीजल ब्रिज पर सीआरपीएफ की 110 बटालियन और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान रोड ओपनिंग ड्यूटी (आरओपी) पर तैनात थे। तभी अज्ञात आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस आतंकी हमले में दो जवान शहीद हो गए, जबकि पांच घायल है।