लोन मोरेटेरियम पीरियड की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर आज सुनवाई हुई। याचिककर्ता ने SC से मोहलत की अवधि 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाने की मांग की थी। याचिका में वकीलों, ट्रांसपोर्ट सेक्टर, टूरिस्ट गाइड, ट्रैवल एजेंसी और उनके ड्राइवरों अन्य सेक्टर के लोगों को छूट देने की मांग की गई थी।
आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान लोन मोरेटेरियम पीरियड को 28 सितम्बर तक बढ़ा दिया साथ ही बैंकों को ये निर्देश दिया गया है की इस अवधि में लोन न चुका पाने की दशा में NPA (Non Performing Asset) घोषित ना किया जाये। इस मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह की तीन जजों की बेंच कर रही थी।
आखिरी बार टाला जा रहा है मामला, अगली बार ठोस योजना के साथ आएं
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा की ये आखिरी बार है की इसे बढ़ाया जा रहा है अब जब अगली बार आयें तो किसी ठोस योजना के साथ आएं। केंद्र सरकार को निर्देशित करते हुए कोर्ट ने कहा की आपको कोरोना से प्रभावित क्षेत्रों के लिए कुछ ठोस करना होगा
बता दें की इसकी अंतिम तिथि 31 अगस्त तक थी जो की ख़त्म हो गयी, इसे लेकर व्यवसायिओं में काफी रोष था क्यूंकि कोरोना की वजह से हर आम आदमी का धंधा मंदा पड़ गया है और इनमें से कितनों के रोजगार और कम्पनियां तक बंद हो गयी। ऐसे हालत में सरकार द्वारा ब्याज पर ब्याज वसूलना बेमानी है और इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया था।
पहले ही छः महीने के लिए बढ़ाया जा चुका है लोन मोरिटेरियम पीरियड
देश में कोरोना की वजह से केंद्र सरकार तीन-तीन महीने के अंतराल पर लोन मोरेटेरियम पीरियड को छः महीने के लिया बढ़ा दिया गया था। देश में हालत अभी बद से बदतर होते जा रहे हैं ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दी गयी लगभग एक महीने की मोहलत नाम मात्र ही है लेकिन कुछ लोगों को इससे रहत जरूर मिल सकती है।