चार जनपदों के कॉलेज लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़ने का असर छात्रों की फीस पर पड़ेगा, सेमेस्टर प्रणाली के तहत साल में दो बार जमा करनी पड़ेगी फीस
लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़ने वाले चार जनपद के कॉलेजों के लिए नए सत्र से काफी कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। इन बदलावों का सबसे ज्यादा असर छात्रों की फीस पर पड़ेगा। अभी तक इन कॉलेजों में वार्षिक प्रणाली लागू थी, जबकि ल.वि.वि. में सेमेस्टर प्रणाली है। विश्वविद्यालय से सहयुक्त होने के बाद यहां भी सेमेस्टर प्रणाली लागू हो जाएगी। ऐसे में विवि से जुड़ने वाले कॉलेज के विद्यार्थियों को साल में दो बार फीस चुकानी होगी।कानपुर विवि के मुकाबले ल.वि.वि. की परीक्षा फीस भी ज्यादा है। ऐसे में इन कॉलेजो को विद्यार्थियों से पहले के मुकाबले करीब चार गुना ज़्यादा परीक्षा फीस वसूलनी होगी।
इस साल लखनऊ विश्वविद्यालय से हरदोई, सीतापुर, रायबरेली और लखीमपुर जिले के कॉलेज सहयुक्त किए गए हैं। अभी तक ये कॉलेज कानपुर विवि से सहयुक्त थे। कानपुर विवि में परीक्षा फीस केवल मात्र एक हजार रुपये है। यह फीस सिर्फ साल में एक बार देनी होती है। वहीं, लखनऊ विश्विद्यालय की परीक्षा फीस न्यूनतम दो हजार रुपये प्रति सेमेस्टर है। साल में दो सेमेस्टर के लिए विद्यार्थी को चार हजार रुपये परीक्षा फीस के देने होंगे। सिर्फ परीक्षा फीस की बात करें तो पहले के मुकाबले विद्यार्थियों को चार गुने ज्यादा भुगतान करना होगा। कुल फीस पर यह अंतर दो गुने से ज्यादा ही होगा। ऐसे में कॉलेजों के सामने फीस बढ़ाने की मजबूरी होगी।
कॉलेज के प्रस्ताव पर किया जा सकता है विचार
ल.वि.वि. की परीक्षा फीस ज्यादा होने की बड़ी वजह आर्थिक तंगी है। ल.वि.वि. का अनुदान फ्रीज होने की वजह से विवि को सरकार से सिर्फ 34 करोड़ रुपये का अनुदान मिलता है। बाकी की व्यवस्था ल.वि.वि. को अपने स्रोतों से करनी होती है। बिना शासन की अनुमति के ल.वि.वि. अपनी फीस नहीं बढ़ा सकता है। ऐसे में ल.वि.वि. परीक्षा फीस बढ़ाकर अपने खर्चों की भरपाई कर लेता है। इस समय 176 कॉलेज ल.वि.वि. से सहयुक्त हैं। चार और जनपदों के कॉलेज जुड़ने पर 360 नए कॉलेज और जुड़ जाएंगे। इन कॉलेजो से मिलने वाली परीक्षा फीस की राशि काफी हो जाती है। ल.वि.वि. के सूत्रों के अनुसार कॉलेजों की ओर से परीक्षा फीस पर कोई प्रस्ताव मिलने पर विचार किया जा सकता है, क्योंकि ज्यादा कॉलेज होने पर परीक्षा फीस की राशि इतनी हो जाएगी, जिससे कि आसानी से परीक्षा आयोजित हो सकें।
लखनऊ विवि से जुड़ने वाले कॉलेज के संचालकों की हालत इस समय खराब है। कॉलेज संचालक लविवि से संपर्क करके परीक्षा फीस का आंकलन कर रहे हैं। जुलाई में शुरू होने वाले अगले सत्र में ये इन कॉलेजों के दाखिले ल.वि.वि. से सहयुक्त हो जाएंगे। इसलिए इन कॉलेजों को अपनी फीस अभी से निर्धारित करनी होगी।