इंसान की योग्यता दिमाग के ऊपर निर्भर करती है और योग्यता से ही ये तय होता है की कोई व्यक्ति जीवन में सफल होगा या असफल। इस दुनिया में अरबों लोग है और सभी के दिमाग की संरचना अलग अलग होती है जैसे लम्बाई,ऊचाई व वजन हर इंसान का भिन्न है पर क्या दिमाग के छोटे या बड़े होने से हमारी योग्यता पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं। इंसानी दिमाग का अध्ययन लम्बे समय से विशेषज्ञ करते आ रहे हैं और इन अध्ययन से जो परिणाम सामने आये, उनसे दिमाग की भूलने की आदत,स्मरणशक्ति ,अल्जाइमर आदि बिमारियों के इलाज में काफी मदत मिली है।
दिमाग से जुडी रोचक बातें
➤ पुरुष के दिमाग का वजन 1370 ग्राम।
➤ महिला के दिमाग का वजन 1200 ग्राम।
➤ 40 वर्ष की आयु में दिमाग का आकार सबसे ज्यादा होता है।
➤ 40 की आयु के बाद दिमाग का आकार छोटा होने लगता है।
➤ दिमाग का कुल वजन शरीर के वजन का 2 % होता है।
दिमाग के आकार का योग्यता पर प्रभाव
हैदराबाद के इंटरनेशनल इंस्टीटूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञों ने भारत के 100 लोगों के दिमाग का अध्ययन किया। जिसमे 50 पुरुष और 50 महिलों को शामिल किया गया था। इस अध्ययन में जो परिणाम सामने आये वो चौकाने वाले थे। विशेषज्ञों द्वारा किये गए दिमाग के अध्ययन से पता चला की भारतीय लोगों का दिमाग अन्य देशों के लोगो से छोटा हैं। इस पर विशेषज्ञों ने बताया की इंसान के दिमाग का छोटा या बड़ा आकार होने का योग्यता से कोई सम्बन्ध नहीं है। यानि अगर किसी व्यक्ति का दिमाग आकार में बड़ा है तो जरुरी नहीं की वो ज्यादा बुद्धिमान हो और किसी का दिमाग छोटा है तो वो कम बुद्धिमान होगा। इंसान की योग्यता उसकी परवरिश, जीन्स,मौहोल और शिक्षा,खान-पान पर निर्भर करती है न की इंसान के दिमाग के आकार पर। हैदराबाद के इंटरनेशनल इंस्टीटूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञों द्वारा दिमाग पर की गयी रिसर्च से ये परिणाम सामने आये।
देश | लम्बाई | चौड़ायीं | ऊंचाई | आयतन |
अमेरिका | 181 | 142 | 111 | 2.39 |
चीन | 175 | 145 | 100 | 1.89 |
कोरिया | 160 | 136 | 92 | 1.63 |
भारत | 160 | 130 | 88 | 1.39 |
बता दें अभी तक भारतीय लोगों के दिमाग का अध्ययन करने के लिए चीन,कोरिया और अमेरिका के लोगों के दिमाग के आधार पर बने मानक (मैप) का उपयोग किया जाता है और उसी से भारतीय लोगों के दिमाग से जुडी बिमारियों का इलाज किया जाता था पर हैदराबाद के विशेषज्ञों द्वारा भारतीय लोगों के दिमाग पर रिसर्च करके, इंडियन ब्रेन एटलस तैयार किया है। अब भारतीय लोगों के दिमाग से जुडी बीमारी के अध्ययन के लिए इस एटलस का उपयोग किया जायेगा। इस रिसर्च में ये भी पता चला की भारतीय दिमाग के अध्ययन के लिए भारतीय लोगों के दिमाग से बना हुआ मैप आवश्यक है।