भारत की कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक ने कोरोना वैक्सीन को लेकर एक और बड़ा कदम बढ़ाया। अब उसने नाक के रास्ते वैक्सीन डोज का परिक्षण शुरू कर दिया है। बीते दिन कानपूर के प्रखर हॉस्पिटल में इस वैक्सीन का पहला ट्रायल तीस वालेंटियरों पर किया गया। कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक ने अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कुल आफ मेडिकल की मदद से इस वैक्सीन का निर्माण किया है। इस इंट्रा नेजल वैक्सीन के पहले दिन तीस वॉलेंटरियर पर ट्रायल किया गया। इस नेजल वैक्सीन को लेकर कानपूर के वॉलंटियरों में काफी उत्साह नजर आया।
प्रखर हॉस्पिटल कोवैक्सीन का भी ट्रायल सेंटर था। अस्पताल के निदेशक डाक्टर जीएस कुशवाहा ने खुद वालेंटियरों को अपने हाथ से नेजल वैक्सीन दिया। इसके पहले सभी वालेंटियरों का आवश्यक टेस्ट किया गया। डाक्टर कुशवाहा का कहना है की पहले चरण में हमें पचास लोगो पर इसका ट्रायल करना है, जिसमे बीते दिन तीस का ट्रायल हुआ है। जिसमे सभी वालेंटियरों को नाक के रास्ते वैक्सीन दी गई। सबको पहले दो दो बूंद ड्राप नाक छिद्रो में डाली गई, उसके पांच मिनट बाद फिर दो बूंद ड्राप डाली गई। वैक्सीन के बाद कुछ देर उनको मानेटरिंग में रखा गया। उसके बाद सभी आराम से अपने घर चले गए किसी को कोई शिकायत नहीं हुई।
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डॉक्टर कुशवाहा का कहना है 28 दिनों बाद इन सबको दूसरे ट्रायल के लिए बुलाया जाएगा। इस ट्रायल में 18 से पैसठ वर्ष तक के लोगो को लिया गया। पैसठ वर्ष की बुजुर्ग महिलाएं भी इस ट्रायल में शामिल हुई जिनको नेजल वैक्सीन काफी आसान लगी। नेजल ट्रायल में शामिल हुए वालेंटियरों का कहना है नेजल वैक्सीन काफी आसान है हमें कोई परेशानी महसूस नहीं हुई।