दुधवा टाइगर रिजर्व वन्यजीवों की कब्रगाह बनता जा रहा है जिसमें प्रतिदिन वन्यजीवों की मौतें हो रही हैं। वहीं वन्यजीवों की मौत होने का सिलसिला लगातार जारी भी है। जो कहीं ना कहीं वन विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठा रहा है।
उधर दुधवा के जंगलों में वन्यजीवों की लगातार मौतों से वन्यजीव प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई है। बीते दिनों पूर्व गेंडे और बाघों के शव जंगलों में संदिग्ध अवस्था में मिलने से वन विभाग में हड़कंप मचा था, वही एक बार फिर दुधवा के जंगलों में गेंडे के बच्चे का शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है।
दरअसल लखीमपुर खीरी जिले के तराई में स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व की बेलराया रेंज में स्थित छंगानाला में गैंडा पुनर्वास क्षेत्र द्वितीय भाटी ताल में एक मादा गेंडे के बच्चे का शव संदिग्ध अवस्था में मिला है। जिसकी जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे आलाअधिकारियों ने शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
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मौके पर पहुंचे पशु चिकित्सक डॉक्टर दयाशंकर द्वारा आशंका जताई जा रही है कि बच्चे का मुंह पानी में डूबा हुआ था और शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं पाए गए हैं साथ ही नर और मादा गेंडे की आपस में लड़ाई के दौरान नन्ही मादा पानी की तरफ बढ़ गई और वहां से निकल नहीं पाई, जिसके कारण उसकी मौत हुई होगी। फिलहाल मृत्यु होने की पुष्टि के लिए गेंडे के बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए आईवीआरआई बरेली भेज दिया गया है ।