मुंबई में एक मेट्रो शेड के निर्माण के लिए आरे के जंगलों के पेड़ों को काटा जा रहा था। जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इस मामले की सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई, जस्टिस अशोक भूषण और अरुण मिश्रा की विशेष पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए आरे के पेड़ों की कटाई पर तत्काल रोक लगाने को कहा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को की जाएगी।
गिरफ्तार लोगों को रिहा करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने आरे मामले पर सुनवाई करते हुए कहा की आरे के पेड़ों को बचाने के लिए जो लोग प्रदर्शन कर रहे थे, पुलिस ने उन लोगों को गिरफ्तार किया था। उन्हें तुरंत रिहा कर दिया जाए। आगे कोर्ट ने कहा पेड़ों को नहीं काटा जाना चाहिए था। साथ ही कोर्ट ने महाराष्ट्र की सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पेड़ों की कटाई को रुकवा दिया गया है।
‘आरे’ के जंगलों में पेड़ों की कटाई के विरोध में उतरा बॉलीवुड
Supreme Court hearing #AareyForest case: Justice Arun Mishra asks 'tell us whether it(#AareyForest) was an eco-sensitive zone or not. It was a no development zone not an eco-sensitive zone. This is what we get, show us the documents' https://t.co/QEaW3Sgh8r
— ANI (@ANI) October 7, 2019
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को लिखा था पत्र
पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जज रंजन गोगोई को पत्र लिखकर कहा था कि मुंबई प्रशासन द्वारा शहर के फेफड़े कहे जाने वाले इन पेड़ों को काटा जा रहा है। इतना ही नहीं शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हमारे साथियों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया । हमारे पास उपयुक्त याचिका दायर करने के लिए समय नहीं था, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट अपने न्यायिक क्षेत्राधिकार का प्रयोग कर इसमें तत्काल हस्तक्षेप करें। इसी पत्र को जनहित याचिका मान कर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और पेड़ों की कटाई रुकवाने का फैसला दिया।