पीयूष गोयल ने देश के व्यापारियों से आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। उन्होंने कहा कि देश में लॉक डाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने और लोगों तक पहुंचाने में देशभर के व्यापारियों का बहुत बड़ा योगदान है। पीयूष गोयल ने व्यापारी नेताओं को पुलिस, पैरामेडिकल सेवा के समकक्ष कोरोना वारियर्स कहकर संबोधित किया।
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि देश में हर व्यक्ति कोरोनावायरस के खिलाफ हर व्यक्ति आज लड़ाई लड़ रहा है। देश के व्यापारी उम्मीदों पर पूरी तरह से खरे उतरे हैं। देश में इस समय किसी भी चीज की कमी नहीं है। इसमें व्यापारियों की बहुत बड़ी भूमिका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत जल्द ही कोरोनावायरस के खतरे से मुक्त हो जाएगा। भारत अन्य देशों पर किसी चीज के लिए निर्भर ना रहे। इसके लिए पीयूष गोयल ने व्यापारियों और छोटे उद्योगों को गुणवत्ता के सामान का उत्पादन करने के लिए कहा है और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया है।
पीयूष गोयल ने कहा कि दुनिया इस समय विकल्प ढूंढ रही है और हमें भारत को एक सर्वश्रेष्ठ विकल्प बनाना है। विश्व बाजार में भारतीय उत्पाद द्वारा जोड़ने के लिए निर्यात को उच्चतम स्तर पर प्रसारित करना होगा।
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उपभोक्ताओं की आवश्यकता का सामान उन तक पहुंचाने के लिए थोक एवं खुदरा व्यापारी, वितरक, निर्माता, परिवहन सेवा, कुरियर सेवा, कच्चे माल निर्यातक या उसके उत्पादक और वितरक पैकेजिंग उत्पादों के निर्यातक आदि के बीच बेहतर तालमेल बहुत आवश्यक है।
व्यापारी नेताओं की मांग
राज्यों के व्यापारी नेताओं ने पियूष गोयल से कहा की व्यापारियों को वैधानिक भुगतान में 30 से 60 दिनों की छूट अवधि के लिए अनुमति दी जाए। उनकी क्रेडिट हिस्ट्री को प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए। व्यापारियों और एमएसएमई को मानक ऋण पर 3% की दर से ब्याज देने की घोषणा की जाए। व्यापारियों द्वारा दिए जाने वाला पीएफ ईएसआईसी भुगतान मैं योगदान सरकार को देना चाहिए और नाम मात्र प्रीमियम पर व्यवसाय बीमा पॉलिसी और कवरेज प्रदान किया जाए।
कर्मचारियों के वेतन का भुगतान एएसआई से किया जाए। क्योंकि लॉक डाउन चिकित्सा आपातकाल के समान है। इसके साथ ही उन कर्मचारियों को जिन्हें कि एएसआई के तहत कवर नहीं किया गया है। उनकी मजदूरी का भुगतान श्रम कल्याण बोर्ड के द्वारा किया जाना चाहिए। बैंकिंग सेवा, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर फोर्स मैज्योर की शर्तों को लागू करना चाहिए। जिससे व्यापारियों को लॉक डाउन में दंड या ब्याज का भुगतान ना करना पड़े। लॉक डाउन के दौरान बिजली के बिलों पर फिक्स शुल्क आपूर्तिकर्ताओं द्वारा नहीं लिया जाए।’ वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से व्यापारी नेताओं ने यह सब मांगे की है।