पकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख तथा पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ को फांसी की सज़ा सुनाई गई है जिसके बाद वहाँ की फौज उनके समर्थन में खड़ी हो गई है। पकिस्तान में फौजियों ने परवेज़ मुशर्रफ की तारीफ़ किया और कहा कि उनके खिलाफ इस तरह के फैसले के बाद उन लोगों को बहुत दुख हुआ है। पकिस्तान के डीजी आईएसपीआर ने मुशर्रफ की फांसी को लेकर एक ट्वीट किया है और साथ ही एक पत्र भी शेयर किया है।
Statement on decision by Special court about General Pervez Musharraf, Retired. pic.twitter.com/C9UAMT1E4W
— DG ISPR (@OfficialDGISPR) December 17, 2019
ट्वीट में डीजी आईएसपीआर ने कहा है कि “पूर्व सेना प्रमुख, स्टाफ कमिटी के ज्वाइंट चीफ और पूर्व राष्ट्रपति जिसने 40 साल तक देश की सेवा की और युद्धों में भाग लिया वो गद्दार नहीं हो सकता है”। पाकिस्तानी फौजियों ने कहा है कि संविधान को दरकिनार कर के उनको मौत की सजा दी गई है और आत्मरक्षा के फंडामेंटर लाइट का भी उल्लंघन हुआ है। साथ ही पकिस्तान की फौज ने भरोसा जताया है कि संविधान के हिसाब से परवेज मुशर्रफ को इन्साफ दिया जाएगा।
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पकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने 3 नवम्बर 2007 में संविधान को भंग कर पकिस्तान के भीतर आपातकाल लगा दिया था। बाद में नवाज़ शरीफ की सरकार सत्ता में आयी तो आपातकाल के मामले को लेकर दिसंबर 2013 में परवेज़ मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ। इसके पश्चात् 31 मार्च 2014 को इस मामले में उनपर आरोप तय किये गए व इसी साल सितम्बर में अभियोजन पक्ष ने मुशर्रफ के खिलाफ सभी सबूतों को अदालत में पेश किया। इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने मुशर्रफ को फांसी की सजा दी है।
मार्च 2016 में 76 वर्षीय मुशर्रफ अपना इलाज करवाने के लिए दुबई चले गए थे और तब से बीमारी और सुरक्षा का हवाला देकर वहीँ पर रुके हुए हैं। इस मामले में उनको भगोड़ा भी घोषित किया गया है। फांसी की सजा पाने वाले वह पकिस्तान के दूसरे राष्ट्रपति हैं। उनके वकील ने शनिवार को याचिका दाखिल किया था जिसपर लाहौर की हाईकोर्ट से कहा गया था कि विशेष अदालत में सुनवाई पर तब तक रोक लगे जब तक हाईकोर्ट पहले से लंबित याचिका पर फैसला न सुना दे।