कुशीनगर मे गौशाला गोवंशों के लिए बना नर्क, देखें तस्वीरें

death of cows
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उत्तर प्रदेश में जब योगी सरकार बनी तो गोवंश की हिफाजत योगी सरकार की प्राथमिकता में लाया गया, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवंशों की देखभाल के लिए तमाम नियम-कानून बनाए,वर्ष 2019-20 में योगी सरकार ने अपने बजट में गोवंश कल्याण के लिए विभिन्न मदों में 631 करोड़ 60 लाख रुपये की व्यवस्था भी की थी।

उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य बन गया है,जहां गोवंश कल्याण के लिए सबसे अधिक बजट का प्रावधान है, जहा गोवंशों की देखरेख के लिए गौशाला बनाई गई हो फिर भी अगर ये गौशाला ही गोवंशों के लिए कब्रगाह बन रही तो सवाल खड़े होने लाजमी है कि गाय प्रेम क्या फिर चुनावी मुद्दा था या कुछ और देखते हमारे संवाददाता की ग्राउंड रिपोर्ट गोवंश की सेवा को लेकर लापरवाही की पोल खोलती हमारी यह रिपोर्ट है।

cow death

 

उत्तर प्रदेश में जब योगी सरकार सत्ता में आना चाहती थी तो गायों के प्रति प्रेम दिखाया गया इसका लाभ भी चुनाव में मिला जिसके चलते यूपी में सभी जनपदों में गौशालाओं का निर्माण हुआ लेकिन मौजूदा वक्त में गोशालाओं की स्थिति जिस तरह बदहाल होती जा रही है उसे देख तो यही लग रहा है कि जिनके कंधों पर गोशालाओं की जिम्मेदारी जिन अफसरों को दी गई उनके लापरवाही के चलते गोवंशों की जान पर अब बन आई है।

cow death

कुशीनगर के खड्डा विकासखण्ड के कोप जंगल में स्थित गौशाला में बेहतर इलाज न मिलने से बीते कई दिनों कई गोवंशों मरने की स्थिति में पहुँच चुकी है,कई पशुओ की आख तक काऔ द्वारा फोड़ दिया गया है,बात की जाए तो तकरीबन 7 गोवंश तड़प-तड़पकर मरते वीडियो में भी देखा जा सकता है,साथ ही समय पर चारा न मिलने से गोवंश कमजोर हो चुके है, 341 गोवंश वाले इस गौशाला में एक डॉक्टर की नियुक्ति है जो हर पल गौशाला में रहकर गायों की देखरेख करते फिर भी अगर कोई गाय इलाज के अभाव में तिल तिल मर रही हो तो व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा होना लाज़मी है।

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साथ ही सवाल तब खड़े होते जब 341 गायों की देखरेख की जिम्मेदारी चार कमर्चारियों के कंधे पर हो तो देख रेख में लापरवाही होना लाजमी है खैर योगी सरकार का गौ प्रेम देख कर और गायों की स्थिति देख तो यही लगता है कि चुनावी दौर में जिस तरह सरकार ने गाय प्रेम दिखाया क्या असल में इन चार सालों में योगी सरकार का गाय प्रेम इन गौशालाओं में दिखा तो यह कहना भी गलत होगा क्योंकि तस्वीरों में गायों को नोंचते कौवे और घायल अवस्था में पड़ी गाय जो भूख प्यास और बीमारी से तड़प तड़प मरने के लिए अपने समय का इन्तेजार कर रही हो तो व्यवस्था पर सवाल खड़ा करना तब जरूरी होता है जब इन तस्वीरों में जानवरों को मरता देख यह कौन सी गाय सेवा योगी सरकार निभा रही यह सोचने पर मजबूर करती है।

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