जब विश्व एक महामारी की वजह से जूझ रहा है तो उस समय सबकी निगाहें भारत और यहां के प्रधानमंत्री पर आ टिकी हैं क्यूंकि भारत के पास ऐसी दवा है जिसे कोरोना के इलाज में काफी हद तक कारगर मानी जा रही है। अभी हाल ही के दिनों में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और नरेंद्र मोदी से आग्रह की थी की यह दवा उन्हें मुहैया कराई जाये जिससे की वहाँ की स्थिति को काबू किया जा सके।
भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति के आग्रह पर उन्हें दवा उपलब्ध कराई जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी समेत पूरे भारत का धन्यवाद किया और कहा की अमेरिका इसे कभी नहीं भूलेगा। अमेरिका को दवा उपलब्ध कराने के बाद भारत को और देशों से रिश्ते बनाये रखने के साथ मानवता के लिए बाकि देशों को भी दवा उपलब्ध करानी है। जिसको लेकर कुछ आंकड़े बनाये गए हैं।
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अमेरिका ने भारत से 35.82 lakh tablets की मांग की थी लेकिन भारत ने 35.82 लाख टेबलेट को मंजूरी दी है। साथ ही भारत ने कनाडा और ब्राजील को लगभग 50 लाख टेबलेट देने की बात की है। पहली बार में ब्राजील 0.53 MT API दी जाएगी।
साथ ही भारत अपने पडोसी देश बांग्लादेश को 20 लाख, नेपाल को 10 लाख, भूटान और मालदीव को 2 लाख, श्रीलंका को 10 लाख और अफगानिस्तान को 5 लाख टेबलेट उपलब्ध कराएगा। कुल मिलाकर भारत लगभग 14 million टेबलेट हुए 13.5 MT API दुनिया को उपलब्ध कराएगा।
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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री दम्मू रवि ने कहा की भारत के पास पहली ही दर्जनों देशों ने इस दवा की मांग रखी थी लेकिन हमें अपने देश के साथ अपने पड़ोसी देशो को भी ध्यान में रखना है इसलिए सबकुछ देखते हुए यह फैसला लिया गया है। भारत में लगभग 1 करोड़ टेबलेट की जरूरत पड़ेगी और अभी हमारे पास 3.28 करोड़ टेबलेट उपलब्ध हैं।