कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह साधारण सीमा विवाद नहीं है। मेरी चिंता है कि चीनी आज हमारे इलाके में बैठे हैं। चीन बिना रणनीतिक सोच के कोई कदम नहीं उठाता है। संसार के नक्शे को वह अपने हिसाब से आकार दे रहा है। उसी के तहत ग्वादर में जिसमें बेल्ट एंड रोड आता है।
सामरिक लेवल पर देखें तो चीन अपनी स्थिति मजबूत कर रहा हैं फिर चाहे वो गलवान हो, पैन पैगोंग झील या डेमचोक। चीन का स्पष्ट इरादा है मजबूत स्थिति में जाना। वह हमारा हाईवे बर्बाद करना चाहते हैं और वो कुछ करना चाहता हैं पाकिस्तान के साथ, कश्मीर में। तो यह साधारण सीमा विवाद नहीं है।
पीएम मोदी पर दबाव बनाने के लिए सुनियोजित सीमा विवाद
यह सुनियोजित सीमा विवाद है भारतीय प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए और वह खास तरीके से दबाव डालने के बारे में सोच रहे हैं और इसके लिए वे उनकी छवि पर हमला कर रहे है। चीन जानता है कि पीएम मोदी के लिए प्रभावी राजनीतिज्ञ रहना मजबूरी है। एक राजनीतिज्ञ के रूप में बने रहने के लिए अपनी 56 इंच की छवि की रक्षा करनी होगी और यही वह असली विचार है जिस पर चीन वार कर रहा है।
चीन नरेंद्र मोदी से कह रहा है कि यदि आप वह नहीं करेंगे जो हम चाहते है तो नरेंद्र मोदी की मजबूत छवि को हम ध्वस्त कर देंगे। अब सवाल यह उठता है कि नरेंद्र मोदी क्या प्रतिक्रिया देंगे। क्या उनका सामना करेंगे? क्या वे चुनौती स्वीकार करेंगे और कहेंगे बिल्कुल नहीं, मैं भारत का प्रधानमंत्री हूं। मैं भी छवि की चिंता नहीं करता। मैं तुम्हारा सामना करूंगा या पीएम मोदी उनके सामने हथियार डाल देंगे।
पीएम को लिया जा सकता चुंगल में
चिंता मेरी अब तक रही है कि प्रधानमंत्री दबाव में आ गए हैं। मुझे चिंता है कि चीनी हमारे इलाके में बैठे हैं और प्रधानमंत्री आज कह रहे हैं कि वह नहीं बैठे हैं। इससे मुझे साफ पता चलता है कि पीएम मोदी अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं और उनका छवि बचाने का ध्यान है। यदि पीएम चीनियों को यह समझने का मौका देंगे की उन्हें अपने छवि की चिंता है तो पीएम मोदी को चुंगल में लिया जा सकता है। फिर भारतीय प्रधानमंत्री इस देश के लिए किसी काम के नहीं रहेंगे।