भारत और चीन के बीच लगभग 3 महीनों से सीमा को लेकर तनाव बना हुआ है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक लेह पहुंचकर सबको चौंका दिया। पीएम के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और सेना अध्यक्ष एमएम नरवाणे भी मौजूद रहे। इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों का काफिला भी पीएम के साथ लेह के नीमू की फॉरवर्ड पोस्ट पहुंचा।
मालूम हो नीमू कि फॉरवर्ड पोस्ट समुद्र तल से 11000 फीट की ऊंचाई पर है। जिसे दुनिया की सबसे ऊंची और खतरनाक पोस्ट में से एक माना जाता है। इतनी अधिक ऊंचाई होने की वजह से यहां पर ऑक्सीजन की कमी है। जिसकी वजह से सांस लेने में समस्या भी होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह के नीमू की फॉरवर्ड पोस्ट पहुंचकर जवानों का हौसला बढ़ाया और सेना अधिकारियों से जमीनी हकीकत की जानकारी ली। इस दौरान नॉर्दन आर्मी कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल पीके जोशी, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह भी उपस्थित रहे।
मालूम हो भारत की ओर से चीन के साथ कोर कमांडिंग लेवल की तीन बैठकों का प्रतिनिधित्व लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह कर चुके हैं। पीएम मोदी ने हरिंदर सिंह से भी सीमा की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी ली।
क्या रक्षा मंत्री की जगह पहुंचे पीएम मोदी?
कुछ दिनों पहले ही सेना प्रमुख एमएम नरवाणे लद्दाख का दो दिवसीय दौरा कर वापस आए थे। इसके बाद उन्होंने LAC की मौजूदा स्थिति से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अवगत कराया। जिसके बाद रक्षा मंत्री ने आज शुक्रवार को लद्दाख का दौरा करने का फैसला किया था। लेकिन उनका कार्यक्रम बदल गया। जिसके बाद सिर्फ सीडीएस बिपिन रावत को ही आज शुक्रवार को लेह पहुंचना था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक लेह पहुंचने के कई मायने निकाले जा रहे हैं। पीएम का यह दौरा चीन के लिए एक सीधा संदेश है कि भारत की संप्रभुता और अखंडता पर कोई आंच नहीं आ सकती और यदि कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो भारत उससे हर तरह से निपटने के लिए तैयार है।