देश में आयुर्वेद के साथ-साथ अन्य पारंपरिक चिकित्सा विधियों के प्रसार के लिए काम कर रहे आयुष मंत्रालय ने दवा निर्माताओं को बड़ी राहत दी है। आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी दवाओं के निर्माण के लिए बनवाए जाने वाले लाइसेंस की प्रक्रिया को अब ऑनलाइन कर दिया गया है ऐसे में लाइसेंस के लिए निर्माताओं को लाइसेंसिंग प्राधिकरण के कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
आयुष मंत्रालय ने आवेदन प्रणाली को ऑनलाइन करके आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी दवाओं के निर्माण के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया को तेज, कागज रहित और अधिक पारदर्शी बना दिया है। ऐसे में दवा निर्माता अब सीधे www.e-aushadhi.gov.in पर जाकर लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इतना ही नहीं लाइसेंस मिलने में लगने वाले समय को भी 3 महीने से घटाकर 2 महीने कर दिया गया है लिहाजा निर्माताओं को जल्दी लाइसेंस मिलेगा।
इसको लेकर आयुष मंत्रालय ने 1 अक्टूबर, 2021 से ड्रग्स (चौथा संशोधन) नियम 2021 के कार्यान्वयन को अधिसूचित करते हुए एक गजट आदेश जारी किया है। साथ ही एएसयू दवाओं का लाइसेंस की वैधता अब जीवनपर्यन्त कर दी है। इसके तहत एकमुश्त पंजीकरण शुल्क के साथ उत्पाद का लाइसेंस हर साल ऑनलाइन स्व-अनुपालन घोषणा जमा करने के अधीन या निलंबित या रद्द होने तक वैध होगा। जबकि इस अधिसूचना से पहले एएसयू लाइसेंस वैधता अवधि 5 वर्ष थी।