उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता व अन्य भत्ते जनवरी 2020 से जून 2021 तक कोरोनावायरस के कारण रोक दिया गया था। इसी को लेकर उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से शिक्षकों, कर्मचारियों का महंगाई भत्ता एवं अन्य भत्ते रोक दिए गए हैं। जबकि प्रदेश के शिक्षकों, कर्मचारियों ने इस महामारी से निपटने के लिए अपने 1 दिन का वेतन राहत राशि के रूप में मार्च माह में ही स्वेच्छा से दे दिया था। जिसमें अकेले प्रदेश के बेसिक शिक्षकों सहित बेसिक शिक्षा विभाग ने 76 करोड़ 14 लाख रूपए राहत राशि के रूप में सरकार को दिए हैं। इसके बावजूद भी सरकार द्वारा महंगाई भत्ता रोक देना, शिक्षकों के साथ अन्याय है। इससे प्रदेश के लाखों लाख शिक्षक किसी भी दशा में स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं तथा आक्रोशित हैं।
सांसदों का भत्ता क्यों बढ़ाया जा रहा
पत्र में आगे कहा गया है कि सरकार द्वारा कोरोना महामारी के कारण आर्थिक स्थिति का सहारा लेकर उक्त निर्णय लिए जाने की बात कर रही है। प्रदेश का बेसिक शिक्षक, कर्मचारी यह प्रश्न उठाते हुए आक्रोश व्यक्त करता है कि यदि यही कारण है तो फिर भारत सरकार द्वारा 7 अप्रैल 2020 को गजट जारी करके देश के सांसदों का भत्ता वर्तमान स्थिति में क्यों बढ़ाया जा रहा है।
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महंगाई व अन्य भत्ता देने की मांग
महंगाई भत्ता रोके जाने से कोरोना महामारी को रोकने में लगे देश तथा प्रदेश के शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी, डॉक्टर, कानून व्यवस्था में लगे कोरोना वॉरियर्स के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, उनका मनोबल गिरेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध करते हुए कहा गया कि महंगाई भत्ता एवं अन्य भत्ते रोकने संबंधी जारी वित्त विभाग के आदेश को प्रदेश के शिक्षक, कर्मचारियों, अधिकारियों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए वापस लिए जाने के हेतु आदेश देने का कष्ट करें।