सोनभद्र:। जिले में बहुआरा गांव सितंबर 2018 में चर्चित हुआ था,क्योंकि उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस गांव में आए और सोनभद्र में करोड़ों की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किए थे। लेकिन एक बार फिर सोनभद्र का बहुअरा गांव चर्चा का विषय बना हुआ है।
एक आदर्श गांव बनाने का वादा
दरअसल मंच पर मौजूद एमएलसी स्नातक क्षेत्र वाराणसी केदारनाथ सिंह ने इस गांव को गोद लेने की घोषणा मंच से की थी। गांव को गोद लेकर एक आदर्श गांव बनाने का वादा करने के बाद बहुअरा गांव में ही अपने परिवार के नाम से 15 बीघे जमीन खरीदी। जिसके बाद उन्हें यह जानकारी मिली की गांव के लोग सरकारी जमीन पर बसे हैं जिसको देखते हुए एमएलसी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा पत्र के आधार पर कार्यवाही हुई,जिसके तहत नहर प्रखंड मिर्जापुर ने 64 परिवारों को जल्द से जल्द जमीन खाली करने की नोटिस दी है।
लेकिन इसमें सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि यदि वह सरकारी जमीन थी तो प्रशासन ने कैसे लोगों को प्रधानमंत्री आवास और शौचालय जैसी सुविधाएं उस जमीन पर प्रदान की हालांकि प्रशासन भी यह मानता है कि एमएलसी के पत्र के आधार पर यह कार्यवाही हो रही है और लोगों को नोटिस भेजा गया है,जल्द से जल्द जमीन को खाली कराया जाएगा।
ग्रामीणों की माने तो एमएलसी केदारनाथ सिंह ने बहुअरा गांव में लगभग 15 बीघा जमीन अपने बेटे बहू और पत्नी के नाम पर खरीदी है और अब उनकी नजर इस जमीन पर है जिसको देखते हुए उन्होंने पहले तो इस जमीन को खाली कराने के लिए यह कार्यवाही की है जबकि दूसरी तरफ ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि एमएलसी केदारनाथ सिंह ने अपने निधि के पैसे से अपने जमीन में सड़क बिजली पानी जैसी व्यवस्थाएं की हैं और इस जमीन पर भी वह कोई औद्योगिक प्लांट लगाना चाहते हैं।
बहुअरा गांव को गोद लेने के बाद जब एमएलसी को इस गांव के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह बताया कि यह सरकारी जमीन है और इस पर लोग अतिक्रमण करके घर मकान बनाकर रह रहे हैं। जिसको देखते हुए जिला पंचायत की जमीन को नगर प्रखंड मिर्जापुर को हस्तांतरित कर दिया गया और अब नहर प्रखंड मिर्जापुर इस जमीन को खाली कराने की कार्यवाही कर रहा है। जबकि ग्रामीणों में भी इस बात को लेकर दहशत है कि कब उनको अपना घर मकान छोड़कर बेघर होना पड़ेगा ।
वहीं अब इस मामले को विरोधी दलों ने हाथों-हाथ ले लिया है विरोधी दलों की माने तो एमएलसी केदारनाथ सिंह इस जमीन को किसी न किसी रूप में हथियाने की फिराक में हैं जिसको देखते हुए उन्होंने 60 सालों से अधिक समय से घर मकान बनाकर रह रहे लोगों को बेघर करने का यह षड्यंत्र रचा है उनका यह भी आरोप है कि एमएलसी ने अपने निधि के पैसे से बेटे बहू और पत्नी के नाम से खरीदी हुई जमीन में सड़क बिजली पानी के लिए पैसे खर्च किए हैं और अब सपा कार्यकर्ता इसको लेकर सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ने की बात कर रहे हैं।
हालांकि इस मामले में अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि एमएलसी केदारनाथ सिंह के द्वारा लिखे हुए पत्र के आधार पर यह जमीन ट्रांसफर कर नहर प्रखंड मिर्जापुर को दिया गया है और नहर प्रखंड मिर्जापुर के द्वारा वहां रह रहे लोगों को नोटिस दिया गया है क्योंकि यह सरकारी जमीन है इसलिए जल्द से जल्द इस जमीन को खाली कराया जाएगा और जो लोग भूमिहीन होंगे उनको कहीं और बसाने का प्रयास किया जाएगा ।
रिपोर्ट:-प्रवीण पटेल…