UP 2022 के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए नए नए पैतरे शुरू कर दिए है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी ने रायबरेली में पिछडो व निषादों के वोटो में सेंध लगाने के लिए पूर्व दस्यु सुंदरी व पूर्व सांसद फूलन देवी की मूर्ति लगाने की घोषणा कर दी। जैसे ही ये सूचना जिला प्रशासन व सत्ताधारी दल के नेताओ को लगा, हड़कम्प मच गया।
मूर्ति की स्थापना के लिए पार्टी ने पिछड़ा वर्ग सम्मेलन आयोजित किया और मूर्ति की स्थापना के लिए सपा MLC राजपाल कश्यप व पूर्व मंत्री मनोज कुमार पांडेय आये लेकिन जिला प्रशासन ने मूर्ति स्थापना की परमिशन नही दी। जिससे दोनों नेताओं ने स्थापना स्थल से दूर ऊंचाहार के जब्बरीपुर में सभा कर मौजूदा सरकार पर पिछडो की अनदेखी का आरोप लगाया।
दरअसल रायबरेली के ऊंचाहार विधानसभा से सपा के पूर्व मंत्री मनोज कुमार पांडेय ने हाल ही में अपनी विधानसभा में पूर्व सांसद फूलन देवी की मूर्ति की स्थापना की घोषणा की थी। साथ ही इस मूर्ति की स्थापना में सपा एमएलसी राजपाल कश्यप को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया।
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मूर्ति स्थापना की भनक लगते ही जिला प्रशासन व अन्य दलों में हड़कंप मच गया। जिले के हिन्दू संगठनों ने इस मूर्ति स्थापना का विरोध किया साथ ही जिला प्रशासन ने मूर्ति स्थापना की जगह बनाये गए चबूतरे को अवैध घोषित कर दिया।चबूतरे को भी तोड़ दिया गया।लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज पूर्व मंत्री मनोज कुमार पांडेय व सपा एमएलसी राजपाल कश्यप ऊंचाहार के जब्बरीपुर गांव पहुचे लेकिन मौके पर मौजूद जिला प्रशासन ने उन्हें कार्यक्रम स्थल पर जाने से रोक दिया।
जिसपर दोनों सपा नेताओं ने कार्यक्रम स्थल से कुछ दूर पिछड़ा वर्ग सम्मेलन आयोजित किया।सपा एमएलसी राजपाल कश्यप से मूर्ति स्थापना पर सवाल किया तो वो सरकार पर जमकर बरसे और उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने अघोषित इमरजेंसी प्रदेश में लगा दी है।मूर्ति तैयार है लेकिन इन्होंने हमे परमिशन नही दी हमे वंहा जाने से रोक दिया।सत्ता समर्थित गुंडों ने चबूतरे को तोड़ दिया।ये सरकार निषाद व पिछडो के नेताओ का अपमान कर रही है।इन्होंने वीर सावरकर का चित्र विधानसभा में लगा दिया।उनका आजादी में क्या योगदान था।पिछडो व निषादों के वोट ले लिए लेकिन उनका संम्मान नही किया।