कानपुर :। यूपी के शिक्षा विभाग में कितना भ्र्ष्टाचार है, यह कानपुर की एक प्रिंसिपल पद पर तैनात एक शिक्षिका के साथ हुए अत्याचार से मालूम पड़ता है, जिनके खुलासे से यह साफ होता है कि योगी सरकार के शिक्षा विभाग में सिर्फ भ्रष्टाचार ही नही बल्कि महिलाओं का शोषण भी हो रहा है, जिसकी वजह से सबसे असुरक्षित होने की हकीकत बाहर निकलकर आ रही है।
विद्यालय की प्रिंसिपल का बड़ा खुलासा
मामला कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र का है जहां जय भारत महाविद्यालय में सरकारी शिक्षिकाओं को कार्यरत किया गया है, लेकिन इस महाविद्यालय की प्रिंसिपल ने जो खुलासा किया वह बेहद चौकाने वाला था। हालांकि महिला सुरक्षा अधिनियम का पालन करते हुए हम प्रिंसिपल का नाम तो नही बताएंगे लेकिन प्रिंसिपल द्वारा किये गए खुलासे को जरूर बताएंगे जिसमें प्रिंसिपल का कहना है कि, ‘प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में सबसे अधिक भ्र्ष्टाचार कायम है जिसमे प्रति माह सरकार से मिलने वाली पेमेंट से पहले रिश्वत देनी पड़ती है,अधिकारी वर्ग शराब पीकर महिला शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार पर उतारू हो जातें हैं।
कुछ ऐसा ही हुआ आरोप लगाने वाली प्रिंसिपल महोदया के साथ जिसमें महाविद्यालय के प्रबंधक के मैनेजर बेटे द्वारा लगातार अश्लीलता की जा रही थी। जिसका विरोध करने पर सैलरी से पहले पांच हजार रुपये रिश्वत ली जाने लगी, जिसका विरोध किया गया तो एक हजार रुपये रिश्वत का दवाब कायम रखा गया साथ ही मानसिक प्रताणना दी जाने लगी और सस्पेंड कराने की धमकी देते हुए महिला शिक्षिकाओं को अकेले में मिलने का दवाब बनाया जाने लगा।
प्रिंसिपल ने अपने मोबाइल पर एक ऑडियो रिकार्ड किया है और इस रिकार्ड ऑडियो से निकल रहे शब्द यह बता रहें हैं कि योगी सरकार के कार्यकाल में शिक्षा जगत में महिलाओं का क्या हाल है। जबकि सरकार द्वारा हाल ही में प्रदेश के अंदर महिला शक्ति अभियान चलाया गया है, लेकिन पहले सरकार को अपने ही सरकारी विभागों की जांच करानी चाहिए क्योंकि प्रिंसिपल के खुलासे ने यह साफ कर दिया है कि सरकारी विभागों में सबसे अधिक महिला कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जाता है। हालांकि प्रिंसिपल ने क्षेत्रीय थाने में इस बात की शिकायत तो की है लेकिन सिर्फ पुलिसिया कार्रवाई से इस मामले को समाप्त नही किया जा सकता बल्कि इस गंभीर आरोपों को संज्ञान में लेते हुए प्रदेश की योगी सरकार को बड़ा फैसला लेना होगा ताकि उनका महिला सुरक्षा अधिनियम का वादा पूरा होता दिख सके।
रिपोर्ट:-दिवाकर श्रीवास्तवा…