झाँसी: वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर जहाँ सारे स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर, सभी संस्थायें बंद चल रही हैं। कोरोना के इस काल में जहां लोग मायूस हैं और अपने अपने घरों में बंद है।वहीं ऐसे में झाँसी में संगीत शिक्षिका अम्बिका पिपरसेनिया ने ऑनलाइन म्यूजिक की पाठशाला बच्चों के लिए लगाई है। जिसमें पहली पाठशाला 20 दिन के लिए कंडक्ट की गई थी, 20 बच्चों ने भाग लिया था।
यह क्लासेस 1 जून से लेकर 20 जून तक ली गई थी। इन 20 दिनों में बच्चों ने शास्त्रीय संगीत, फिल्मी गाने, भजन आदि सीखे।
झाँसी म्यूजिक की पाठशाला एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां बच्चे ना सिर्फ शास्त्रीय गायन सीखते हैं बल्कि मॉडर्न गायन के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हैं। म्यूजिक की पाठशाला में देश विदेश के तमाम शहरों से बच्चे भाग ले रहे हैं । इनमें से ज्यादातर बच्चे झांसी के हैं । जून में लिए गए इन ऑनलाइन म्यूजिक क्लासेस के आखिरी दिन म्यूजिक की पाठशाला की संगीत शिक्षिका अंबिका पिपरसेनिया द्वारा रचित किया हुआ म्यूजिक की पाठशाला का टाइटल सॉन्ग यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। इसको स्वयं अंबिका और उनकी स्टूडेंट वर्तिका ने गाया था।
इसका संगीत उनके छोटे भाई जय पिपरसेनिया ने बनाया था और एडिटिंग का काम नमन श्रीवास्तव द्वारा किया गया था। इस वीडियो में इन सभी बच्चों ने भी अपना योगदान दिया। जुलाई के महीने में एक बार फिर से म्यूजिक की पाठशाला पार्ट 2 को शुरू किया गया जिसमें इस बार कम से कम 40 से 50 बच्चों ने एवं बड़ों ने भी भाग लिया। डेढ़ घंटे की इन ऑनलाइन क्लासेस में हर उम्र के बच्चे संगीत सीख रहे हैं। 5 साल से लेकर 65 साल तक के लोग इसका लाभ उठा रहे हैं।
इस बार भी क्लासेस में ना सिर्फ झांसी से बल्कि यूएसए, सिंगापुर, जर्मनी आदि शहरों से भी लोग जुड़े हुए हैं। ऐसे में म्यूजिक की पाठशाला जैसी संगीत की ऑनलाइन क्लासेस ने ना सिर्फ बच्चों का बल्कि उनके मां-बाप का भी मनोबल बढ़ाया है। म्यूजिक की पाठशाला लॉकडाउन पीरियड के समय से एक्टिव है। म्यूजिक की पाठशाला में संगीत शिक्षिका अंबिका पिपरसेनिया पिछले 8 वर्षों से संगीत सिखा रही हैं। इन्होंने झांसी के कई बड़े स्कूलों में अपनी सेवा प्रदान की है। अभी यह गुड़गांव के एक स्कूल में संगीत की शिक्षिका हैं।
म्यूजिक की पाठशाला में भाग ले रहे लोगों के नाम – स्मिता, सरोज आयुषी, हिमांशी, नंदिनी, अनन्या, आशी, भव्या, नित्या, तेजांश, अनुभूति, दीप्ति, किया, काकुभ, लावण्या, कान्या, कनिका, नव्या, हिमांक्षी, प्रतिष्ठा, सुहावी,आयुष्वी, वेदिका, अर्शिया, तानिष्का, दित्या, गुरांश, वर्तिका, शुभम, लक्षय, विधि, पलक, अदृशा, मयोम, धानी, आदि।
रिपोर्ट- मो. तौसीफ़ क़ुरैशी