आज धनतेरस है।बाज़ार सज चुके हैं। बाज़ारों में वो रौनक़ नहीं दिख रही है जो आम तौर पर धनतेरस जैसे बड़े पर्व पर दिखाई देती है।
बाज़ार से लोगों की भीड़ नदारद है। लोग महामारी के डर से घरों से बाहर नहीं आ रहे हैं। नज़र डालने पर बामुश्किल से इक्का-दुक्का लोग ही दिखाई देते हैं।
इस वज़ह से व्यापारी वर्ग को भरी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
व्यापारिओं का कहना है कि उन्हें पहले से अंदेशा था कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बाज़ार में रौनक कम रहेगी लेकिन इतना कम रहेगी ये नहीं सोचा था।
व्यापारियों ने ऑनलाइन बाज़ार को भी इसका एक बड़ा कारण माना है। ज़्यादातर लोग जो पहले इलेट्रॉनिक्स उत्पाद दुकानों में जाकर खरीदते थे अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर रहे हैं।
कुछ व्यापारियों की शिकायत है कि पिछले साल के मुक़ाबले इस बार माल उन्हें ज़्यादा मंहगे मिले है। इस वजह से भी ग्राहक लेन-देन में मोलभाव ज़्यादा कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि ज़्यादा से ज़्यादा माल बिक जाए इसी वजह से वो काम मुनाफ़े में माल बेंचने को मजबूर हैं।
बाज़ार में ख़रीदारी करने आये लोगों का कहना है कि महामारी ने उनकी ज़ेब पर गहरा असर डाला है। जिसके चलते त्योहारों पर होने वाले खर्च में न चाहते हुए भी भी कटौती हुयी है। लोगों ने माना कि पिछली साल की अपेक्षा इस साल त्योहार फ़ीका जा रहा है।