भगवान श्रीराम की जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले में आज सुप्रीम कोर्ट सुबह 10:30 अपना फैसला सुनाने जा रहा है। इस मामले पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। बात करें की वैसे तो अदालत किसी भी दिन बैठ सकती है लेकिन यहाँ बात ये उठती है की इतना बड़ा फैसला अवकाश के दिन भी नहीं सुनाया जा सकता था।
क्या वजह रही आज फैसला देने की –
आपको बता दें की चीफ जस्टिस के कार्य का आखिरी दिन 17 नवम्बर को है मतलब वह रिटायर हो रहें हैं जिससे की ये लगा की फैसला 14-15 को आएगा लेकिन, इसमें भी एक पेंच सामने आया। आम तौर पर अदालत कोई फैसला देती है तो अगर उससे संबंधित कोई तकनीकी गड़बड़ी होती है तो अगले दिन वादी या प्रतिवादी में से कोई भी एक बार फिर से अदालत की शरण लेकर इसे दूर करने की गुहार लगाता है। इसमें भी एक या दो दिन लग जाते हैं इसी के चलते बात ये आती की फिर इस मामले में 14-15 नवंबर को फैसले की स्थिति में यह एक-दो दिन फिर खिसक कर 16-17 नवंबर हो जाते।
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अब बावजूद इसके अदालत और सरकार की ओर से ऐसा कोई भी संकेत नहीं मिला की यह ऐतिहासिक फैसला 14-15 नवंबर से पहले भी आ सकता है, फिर अचानक कहानी में ट्विस्ट आता है की शुक्रवार रात यह सूचना आयी कि इस मामले पर फैसला शनिवार सुबह 10:30 बजे सुनाया जाएगा। ऐसा मन जाता है कि सरकार का इस तरह से अचानक ऐलान सुरक्षा को लेकर कोई पहले से तय की गयी रणनीति का हिस्सा है, ताकि इस ऐतिहासिक और लम्बे समय से चले आ रहे बेहद संवेदनशील, भावनाओं और आस्थाओं से जुड़े मामले में किसी भी प्रकार के असामाजिक तत्वों को किसी भी खुराफात के लिए तैयारी का मौका नहीं मिल सके। और, इसी बात को मद्देनज़र रखते हुए यह ऐलान किया गया की शुक्रवार की रात बीतने के बाद शनिवार की सुबह होने के साथ ही इस मामले में फैसला सुना दिया जाएगा।