बुलंदशहर :। कोविड-19 के नियंत्रण को लेकर भले ही स्कूलों का प्रबंधन संजीदा दिख रहा हो। स्कूलों में कोविड के तमाम इंतजामात के बावजूद न सिर्फ अभिभावक बल्कि छात्र और छात्राएं डरे और सहमे हुए हैं। आज यूपी के Bulandshahr में 72 दिन बाद स्कूल तो खुले, लेकिन स्कूल में छात्र और छात्राएं इक्का दुक्का ही नज़र आये।
लाउड स्पीकर से छात्र- छात्राओं को कोविड संक्रमण के प्रति सचेत और क्लास रूम में सन्नाटे की यह तस्वीरें यूपी के Bulandshahr से आमने आयी है। दरअसल आज 72 दिन बाद बुलंदशहर में कक्षा 09 से 12 के छात्र छात्राओं को अभिभावकों की अनुमति के बाद स्कूलों में बुलाया गया था।
उम्मीद थी कि पहले दिन बच्चे खासा तादाद में स्कूल पहुंचेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इक्का दुक्का छात्र छात्राओं को छोड़कर स्कूल में कोई नहीं पहुंचा। हालांकि स्कूल प्रबंधकों ने शासन के आदेश के अनुसार न सिर्फ स्कूल को सेनेटाइज करवाया, बल्कि स्कूल के मुख्य गेटों पर स्कूल आने वाले बच्चों की जांच के लिए हेल्प डेस्क की व्यवस्था भी की। बावजूद इसके स्कूल सूने पड़े रहे।
स्कूल प्रबंधन का दावा है कि स्कूल में पहले दिन बच्चों की न के बराबर उपस्थिति का कारण कोविड-19 है। हालांकि बच्चों की अभिभावकों की अनुमति के बाद ही बुलाया गया था। स्कूल में कोविड-19 से बचाव के लिए स्कूल में मुकम्मल व्यवस्था की गई है।