- BRD कालेज में अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कमी होने से 60 से ज़्यादा बच्चो की हुई थी मौत
- एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने गोरखपुर हादसे को लेकर हाईकोर्ट में दायर किया था जनहित याचिका
- हाईकोर्ट ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज को भी अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है
उत्तर प्रदेश सरकार ने बीआरडी गोरखपुर मौतों पर अभी तक हाईकोर्ट में कोई भी जवाब दाखिल नहीं किया है जिसे लेकर हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने गहरी नाराज़गी ज़ाहिर किया है। एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने गोरखपुर के दुखद हादसे को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था।
हाईकोर्ट के जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और आलोक माथुर की बेंच ने जताया है कि 18 अगस्त 2017 से राज्य सरकार, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय तथा गोरखपुर के डीएम की तरफ से जवाब दाखिल नहीं किया गया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने राज्य सरकार के अधिवक्ता की अपील पर उनको तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है। साथ की कोर्ट ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज को भी अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
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एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने हाईकोर्ट के न्यायाधीश से प्रार्थना करते हुए कहा कि राज्य सरकार के अब तक के कार्यों से यही लग रहा है कि वह सच्चाई को छिपाना चाहते हैं और दोषियों का बचाव कर रहे हैं। इसी कि वजह से उन्होंने न्यायिक आयोग से इस मामले की जाँच की मांग किया है। गोरखपुर के बाबा राघव दास (BRD) मेडिकल कालेज में अगस्त 2017 में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी हो जाने से 60 से ज़्यादा बच्चो की मौत हो गई थी।