क्यों करते हैं भाई दूज पूजा

bhai dooj puja

हम जिस देश में रहते है वो देश त्योहारों और पर्वों का देश है। इस देश में शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जिस दिन कोई त्योहार या पर्व न मनाया जाता हो। इन त्योहारों की सबसे खास बात है पूजा। हम हर त्योहार पर किसी न किसी भगवान या देवी देवता की पूजा करते हैं। यहाँ हर वस्तु की पूजा की जाती है। चाहे लोहा, पेड़-पौधे, नदियां, जानवर कोई भी हो हमारे देश में सभी की पूजा होती है, और सभी का एक महत्वपूर्ण दिन होता है। उसी तरह इंसानों में भाई और बहन का भी एक महत्वपूर्ण दिन होता है, जिसको भाई दूज के नाम से जाना जाता है।

भाई दूज के दिन भगवान यमराज की पूजा की जाती है, कहा जाता है की भगवान यमराज और माँ यमुना एक दुसरे के भाई बहन है। लेकिन यमराज और यमुना अलग-अलग रहते थे यमराज ऊपर है और माँ यमुना नदी के रूप में धरती पर हैं। यमराज मृत्यु आत्मा को दंड देते हैं और उसके कर्मों का फल भी देते हैं जिसके कारण वो बहुत ही व्यस्त रहते थे।  समय न होने के कारण यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने नहीं जा पाते थे। लेकिन एक दिन यमराज समय निकाल कर अपनी बहन यमुना से मिलने गए। जब यमराज यमुना के पास पहुंचे तो बहन यमुना की खुशी का ठिकाना न रहा। वह बहुत प्रसन्न हुई।

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यमुना ने अपने भाई यमराज के लिए अच्छे-अच्छे पकवान बनाये और यमराज को खिलाया। यमुना के हाँथ से बने अच्छे-अच्छे पकवान खाकर यमराज बहुत खुश हुए और वापस जाते समय बहन यमुना से बोले की मै आज तुमसे बहुत खुश हूँ आज तुम मुझसे कुछ भी मांग सकती हो। यमुना ने यमराज से कहा की मै आप से बस इतना चाहती हूँ की इस दिन जो भी भाई अपने बहन के घर जाकर उसके हाथ का कहा खायेगा आप उसको अकाल मृत्यु नहीं देंगे और उसके दण्डों को माफ़ कर देंगे। यमराज ने यमुना की बात मान ली और तभी से भाई दूज का त्योहार शुरू हो गया। इस दिन भाई अपने बहन के घर जाकर उसके हाँथ से बना भोजन करता है और बहन अपने भाई को तिलक करती हैं।

भाई दूज पूजा की विधि

  • इस दिन भाई गंगा में स्नान करे या फिर घर पर साफ़ पानी में गंगा जल दाल कर स्नान करे।
  • इस दिन भाई अपने बहन के घर जाये।
  • इस दिन भाई अपनी बहन के हाँथ से बना भोजन करे।
  • इस दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाएं।
  • इस दिन भाई को अपनी बहन को उपहार देना चाहिए।

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