बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों को लेकर युवा राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल किसानों की दुर्दशा पर अपनी चिंता व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार की किसान विरोधी नीतियों की वजह से राज्य के किसान पहले सी परेशान थे और अब वर्तमान में कुदरत की मार ने उनके द्वारा खून पसीने से उगाई गई फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है जिसके चलते किसानों की कमर टूट गई है।
रोहित अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश का किसान निराशा व हताशा के साथ भुखमरी कि दहलीज़ पर पहुँच रहा है मगर राज्य सरकार ने उदासीन रवैया अपना रखा है। केवल इतना ही नहीं राज्य सरकार तथा मिल मालिकों की मिलीभगत के कारण गन्ना किसानों के करीब 15000 करोड़ रूपए बाकी हैं। इसमें 12000 करोड़ रुपए गन्ना मूल्य का भुगताम तथा 3000 रूपए ब्याज बकाया है।
बारिश में बढ़ती ठंडक के साथ बड़ी किसानो की भी चिंता
प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने बताया कि केन एक्ट के अंतर्गत 14 दिनों के भीतर गन्ने के मूल्य का भुगतान हो जाना चाहिए मगर सरकार को किसानों के सुख दुख से कोई मतलब नहीं है। सरकार ने गन्ना मिल के मालिकों के आगे घुटने टेकते हुए राज्य के गन्ना किसानों को धोखा दिया है, वही इस साल गन्ना किसानों को चारों तरफ से मार मार झेलना पड़ रहा है।
युवा राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल का कहना है कि राज्य सरकार बिन मौसम की बारिश व ओलावृष्टि की वजह से नष्ट हुई फसलों की क्षतिपूर्ति करने में पूरी तरह से नाकामयाब रही है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग किया कि मुख्यमंत्री किसानों के दुख दर्द को समझने का प्रयास करें तथा उनके उनके गन्ने मूल्य का ब्याज सहित भुगतान करें। राज्य सरकार दवारा किसानों के सारे क़र्ज़ माफ़ किये जाएं तथा बिना देर किये बर्बाद हुई फसलों का सही मुआवज़ा भी किसानों को दिया जाए।