रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार सुबह तेजस से उड़ान भरी। ऐसा पहली बार हो रहा है जब देश के किसी रक्षामंत्री ने घरेलू लड़ाकू विमान से तेजस से उड़ान भरी हो। बतादें तीन साल पहले ही वायुसेना में शामिल हुए तेजस का बहुत जल्द अपग्रेड वर्जन भी आने वाला है।
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक तेजस भारतीय वायु सेना की 45वीं स्क्वाड्रन ड्रैगर्स का हिस्सा है। तेजस को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने डिजाइन और विकसित किया है। तेजस लड़ाकू विमान ने सबसे पहले 4 जनवरी 2001 में अपनी पहली उड़ान भरी थी।
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने दिसंबर 2017 में HAL को 83 अपग्रेड तेजस जेट फाइटर बनाने को कहा था। इस विमान को बनाने की अनुमानित लागत 50 हजार करोड़ आंकी गई है। रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (DRDO) ने 21 फरवरी 2019 को बेंगलुरु में हुए एयर शो में इसे तैयार करने की अनुमति प्रदान की गई। DRDO के क्लियरेंस के बाद जल्द ही तेजस युद्ध के लिए भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा।
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तेजस जेट फाइटर को पूरी तरह से भारत में तैयार किया गया है। यह पाकिस्तान और चीन के संयुक्त प्रयास के तैयार किए गए थंडरबर्ड फाइटर विमान से कई गुना दमदार है। इसकी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके प्रदर्शन की बात आई तो पाक और चीन ने थंडरबर्ड को प्रदर्शन के वापल कर लिया था।
बता दें, भारत में बने इस विमान का नाम तेजस भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था। तेजस का अर्थ होता है अत्यधिक ताकतवर ऊर्जा।