लखीमपुर खीरी :। स्वास्थ्य विभाग के रहमों करम पर फल-फूल रहे प्राइवेट नर्सिंग होम में डॉक्टरों की लापरवाही से आए दिन किसी ना किसी की मौत का मामला प्रकाश में आता है लेकिन प्राइवेट नर्सिंग होमो की जांच होना तो दूर की बात कोई घटना घट जाने के बाद भी कोई कार्यवाही अमल में नही लाई जाती है। वही एक बार फिर लखीमपुर खीरी से ऐसा ही एक मामला निकल कर सामने आया है जहाँ पर एक पीड़ित महिला ने प्राइवेट हॉस्पिटल की महिला चिकित्सक पर उसका गलत ऑपरेशन करने का आरोप लगाया है।
पूरा मामला :-
दरअसल पूरा मामला जिले के तहसील पलिया कलां में स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल न्यू लाइफ़ ट्रामा सेंटर का है। जहाँ दुधवा टाइगर रिजर्व में दैनिक श्रमिक के रूप में कार्यरत अश्वनी कुमार की पत्नी रंजना देवी काफी दिनों से ब्लीडिंग की शिकायत से परेशान थी जिसका इलाज करवाने के लिए अपने पति के साथ तहसील पलिया कला के दुधवा रोड स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल न्यू लाइफ एंड ट्रामा सेंटर पर गई थी, जहां पर उसने खुद को हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर प्रिया को दिखाया।
महिला डॉक्टर ने रंजना देवी का चेकअप कर एबार्शन करने के लिए बताया जिसके कारण रंजना के पति अश्वनी से हॉस्पिटल में ₹5000 जमा करने के लिये कहा गया, लेकिन महिला के पति के पास केवल चार हजार रूपये थे जो काफी देर कहासुनी के बाद जमा कर लिए गए। वही पीड़ित महिला ने शिकायत पत्र के आधार पर आरोप लगाते हुए बताया कि डॉ प्रिया उसको उसका एबार्शन करवाने के लिए लेडीज रूम में लेकर गई जहां पर उन्होंने उसका एबार्शन गलत कर दिया, जिसकी वजह से उनकी आंत में छेंद हो गया वही हालत गंभीर देख कर डॉक्टर प्रिया उसको तड़पता छोड़ कर वहां से रफूचक्कर हो गई।
पीड़ित महिला का इलाज न कर उसे डराया और धमकाया
उधर पीड़ित की हालत गंभीर होने पर महिला के पति ने आनन-फानन में एक दूसरे सर्जन के द्वारा महिला का इलाज करवाया जहां एक जैसे तैसे एबार्शन करने के बाद महिला की जान बच पाई लेकिन आंत फटने की वजह से महिला अभी भी अपनी जिंदगी और मौत से जूझ रही है। वही हॉस्पिटल के मालिक के द्वारा बताया गया कि हॉस्पिटल की गलती से ये परेशानी हुई है अब उसके उपचार में जो भी खर्चा होगा उसे हास्पिटल द्वारा ही किया जायेगा लेकिन उसके बावजूद भी अब पीड़ित महिला का इलाज न कर उसे डराया और धमकाया भी जा रहा है और यही नहीं प्राइवेट हॉस्पिटल के कर्मचारियों द्वारा यह जानकारी दी गई कि डाॅ प्रिया डॉ नहीं बल्कि केवल एक एनम है जो अक्सर डॉ. बनकर महिलाओं का इलाज करती है।
दर-दर भटकने को मजबूर हुआ पीड़ित
वही शिकायत पत्र में यह भी कहा गया है कि महिला डॉक्टर के द्वारा पूरे रुपए ना देने पर उसको जान से मारने का प्रयास किया गया है जिसके चलते पीड़ित महिला और उसका पति ने लिखित प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी सहित मुख्यमंत्री को दी है और फर्जी डॉक्टर प्रिया व अस्पताल मालिक पर एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की मांग की है। वही इस बाबत जब संबंधित अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया और पीड़ित अभी भी दर-दर भटकने को मजबूर है।