उत्तर प्रदेश के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद के विवादित स्थल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 17 नवंबर से पहले संभावना है। इसलिए धार्मिक नगरी अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले सुरक्षा का दायरा बढ़ने लगा है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रखी जा रही है।बता दे की सूचना तंत्र को प्रभावी बनाने के लिए पुलिस ने 16 हजार डिजिटल वालंटियर्स बनाए हैं। जो की मोबाइल व अन्य डिजिटल सिस्टम से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने में सहायक है।
जनकारी के मुताबिक पता चला है की अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले पुलिस-प्रशासन अपनी तैयारियों को पूरा करने में जुटा है। पोलिस प्रशासन ने बताया की पूरे जिले को जिस तरह आठ जोन और 31 सेक्टरों में बांटा गया है। ठीक उसी तरह निर्णय वाले दिन के लिए रैपिड एक्शन फोर्स, आरआरएफ और पीएसी की दस कंपनी मांगी गई हैं।बता दे की एसएसपी अजय साहनी ने सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में एसपी सिटी और एसपी देहात से बवालियों को चिह्नित करने के बारे में जानकारी ली।
इसी जानकारी के दौरान दो अप्रैल 2018 को हुए बवाल में मेरठ में जिन 180 लोगों को आरोपी बनकर मुकदमा दर्ज किया गया था। इनके समेत 250 लोगों सामने आये है। एसपीआशीष तिवारी ने बताया की ने इनमें बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा भी शामिल हैं। इसलिए फैसला आने वाले दिन की स्थिति को देखते हुए इन लोगों को नजरबंद भी किया जा सकता है।
पुलिस प्रशासन की माने तो ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि जन जीवन सामान्य बना रहे। स्कूल कॉलेज व बाजार सब खुले रहेंगे। बताया कि, सुरक्षा की नजर से अयोध्या व आसपास के जिलों को रेड, येलो, ग्रीन व ब्लू जोन में बांटा गया है। अयोध्या रेड जोन में है। ब्लू जोन के जिलों बाराबंकी बस्ती गोंडा, अमेठी, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर से ही चेकिंग अभियान व संदिग्धों की पहचान का काम हो रहा है।
एसएसपी आशीष तिवारी ने बताया की जिले में बताये गए 106 संवेदनशील स्थानों पर पीएसी और आरएएफ द्वारा मार्च निकाला जा रहा है।जिसमे 12 नवंबर तक को मकदूमपुर और गढ़ गंगा मेले से तीन हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी ड्यूटी से लौट आएंगे। इसके बाद जिले के सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस, आरएएफ, आरआरएफ और पीएसी को तैनात कर दिया जाएगा। इसके साथ ही अयोध्या में विवादित परिसर को जोड़ने वाले मार्गो पर बैरियर लगा कर चेकिंग करवाई जा रही है।